# अधूरी हसरतें #

यह कविता जीवन की सुंदरता और क्षणभंगुरता के बारे में है। मैंने शब्दों के माध्यम से अपने अनुभवों, भावनाओं और सपनों को व्यक्त करने का प्रयास किया है |

मैं अपनी कलम से अपने अंदर उठ रहे भावनाओं को व्यक्त करने का प्रयासकिया है , मुझे आशा है कि आप इसे पसंद करेंगे |

अधूरी हसरतें

कभी कभी मेरे दिल में

 ख्याल आता है कि  

मैं कुछ अजूबे लिखूँ |

शब्दों के सितारे पिरोऊँ

चेहरे की झुर्रियों में छुपे

किस्से को ढूंढ,कर लाऊं

पुरानी यादों को सजा कर

सुंदर सा हार बनाऊँ ।

हर मोड़ पर

कारवां थम जाये,

वैसी कोई दास्तान सुनाऊँ |

अधूरी ना रहे कोई हसरत

एक सपनों का संसार सजाऊँ

हो, दिल से दिल का सफर

लबजों में चमत्कार भर जाऊँ |

बचपन के पलों को सहेजूँ,

सपनों को उन तक भेजूँ

खुद को ढूंढूँ उनके लफ्ज़ों में,

स्वप्न के लिए आँखें मिचूँ

कलम की स्याही से उतारूँ |

उनका सतरंगी  रूप सँवारूँ

हर खुशबू हर रंग समेटूँ।

और  मुट्ठी में भिच कर दिखाऊँ |

(विजय वर्मा )

BE HAPPY….BE ACTIVE….BE FOCUSED….BE ALIVE…

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5 replies

  1. करुणात्मक ❤️

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