
यह कविता जीवन की सुंदरता और क्षणभंगुरता के बारे में है। मैंने शब्दों के माध्यम से अपने अनुभवों, भावनाओं और सपनों को व्यक्त करने का प्रयास किया है |
मैं अपनी कलम से अपने अंदर उठ रहे भावनाओं को व्यक्त करने का प्रयासकिया है , मुझे आशा है कि आप इसे पसंद करेंगे |
अधूरी हसरतें
कभी कभी मेरे दिल में
ख्याल आता है कि
मैं कुछ अजूबे लिखूँ |
शब्दों के सितारे पिरोऊँ
चेहरे की झुर्रियों में छुपे
किस्से को ढूंढ,कर लाऊं
पुरानी यादों को सजा कर
सुंदर सा हार बनाऊँ ।
हर मोड़ पर
कारवां थम जाये,
वैसी कोई दास्तान सुनाऊँ |
अधूरी ना रहे कोई हसरत
एक सपनों का संसार सजाऊँ
हो, दिल से दिल का सफर
लबजों में चमत्कार भर जाऊँ |
बचपन के पलों को सहेजूँ,
सपनों को उन तक भेजूँ
खुद को ढूंढूँ उनके लफ्ज़ों में,
स्वप्न के लिए आँखें मिचूँ
कलम की स्याही से उतारूँ |
उनका सतरंगी रूप सँवारूँ
हर खुशबू हर रंग समेटूँ।
और मुट्ठी में भिच कर दिखाऊँ |
(विजय वर्मा )

BE HAPPY….BE ACTIVE….BE FOCUSED….BE ALIVE…
If you liked the post, please show your support by liking it,
following, sharing, and commenting.
Sure! Visit my website for more content. Click here
Categories: kavita
मस्त
LikeLiked by 1 person
बहुत बहुत धन्यवाद सर् जी।😊
LikeLiked by 1 person
करुणात्मक ❤️
LikeLiked by 1 person
बहुत बहुत धन्यवाद , सर जी |
आप के शब्द मेरा हौसला बढ़ाते है |
LikeLike
जी, बहुत बहुत धन्यवाद |
कृपया मेरे चैनल की त्रुटियों को बताएं |
LikeLike