You are making a very productive use of your retired life and doing all creative things, be it writing serial stories, memoirs, motivational blogs, poetry, sketching and drawing.
May you continue to progress in your creative pursuits and attract more readers to your blog posts.
I liked your blog and read it to the last .I don’t find words to Express my joy and happiness,
but the way u have reinvented yourself is amazing. You are really an inspiration for every retired person. I too wonder why we the retirees think that our time is over.
Age is just a number. What others can do we too can. At last I am too request u to please guide me to reinvent me as u have done.
” कहते हैं की जब लेखन केवल अपने लिए हो या फिर केवल लिखने के लिए हो तो वह सार्थक नहीं होता | सार्थक तब होता है जब यह पढ़ने वाले को अपने से जोड़ सके , उन्हें मज़ा दे सके |
विजय जब लिखता है तो उसका उद्देश्य होता है अपने भोगे हुए यथार्थ को , जीवन की कड़वी सच्चाइयों को सरल एवं सपाट भाषा में पन्नों पर उतारना |यह अच्छे भी लगते हैं और गुदगुदाते भी हैं | नाटकियता इसकी जान होती हैं , जो आगे की घटनाओं को जानने की जिज्ञासा को अंत तक बरक़रार रखती हे | हर पढ़ने वाले को ये उसकी अपनी कहानी लगती है, और यही इसकी विशेषता भी है |
हालाँकि, संस्लेमरण लेखन में लेखक के पास लीक से ज्यादा हटने की गुंजाईश नहीं होती है क्योंकि तब निरसता उत्पन्न होने का खतरा रहता है | विजय की रचनायें इनसे बच कर निकलती हैं और तेज़ रफ़्तार से चलती हैं | विजय की रचनायें इन कसौटियों पर खरी उतरती हैं | मेरी शुभ कामनाएँ |आप इसी तरह लिखते रहे और सबको गुदगुदाते रहे |”
” ये तो हमारे और दोस्तों के लिए संजीवनी का काम कर रही है | रोज इतना अच्छा ब्लॉग पढ़कर दिन की अच्छी शुरुआत होती है | जब भी मन उदास होया है, आपके ब्लॉग की भींगी भींगी खुशबू मेरे दिलों दिमाग को ताज़ा कर देती है और फिर से रिफ्रेश हो जाता हूँ | बहुत ही काम लोग खुशनसीब होते हैं, जिन्हें सच्चा निःस्वार्थ प्रेम की अनुभूति होती है | ये तो प्रेम ही है जिसपर सारा संसार टिका हुआ है | अगर आपस में प्रेम न हो तो जीवन नीरस हो जाता है | इसी प्रेम की डोर से परिवार, समाज, देश जुड़ा हुआ है| रियली अच्छा लग रहा है.धीरे धीरे चलते रहो….💐💐💐 “