
वक़्त की सबसे अच्छी बात यह है कि अच्छा चल रहा हो या बुरा चल रहा हो, वक़्त हमेशा अपनी ही रफ़्तार से चलता रहता है |
हाँ, जब आदमी दुःख में होता है तो उसे लगता है कि समय धीरे चल रहा है और जब ख़ुशी के पल होते है तो लगता है जैसे समय पंख लगाकर उड़ा जा रहा है |
वो फिल्म “वक़्त” का गाना याद आता है ..
कल जहाँ बसती थी खुशियाँ… आज मातम है वहाँ
वक़्त लाया था बहारें, ….वक़्त लाया है खिज़ां
वक़्त से दिन और रात…. वक़्त से कल और आज
वक़्त का हर शय गुलाम…. वक़्त का हर शय पे राज़…
यह कहानी है एक राजा की, जो अपने युद्ध कौशल से आस पास के छोटे राज्यों को हरा कर अपने राज्य में मिला लेता था | इस तरह वह अपने राज्य का विस्तार करता जा रहा था |
ऐसा नहीं था कि सिर्फ दुसरो राज्यों से लड़ाई करता था बल्कि अपने राज्य का विकाश का भी काम करता था |
इससे राज्य की जनता भी राजा से खुश थी और उसे पराकर्मी राजा का ख़िताब दिया था |
इससे राजा को थोडा अहंकार होने लगा | उसे लगता था कि उसके ताक़त और बुद्धि के आगे कोई अन्य राज्य का राजा टिक ही नहीं सकता |
एक दिन राजा अपने सैनिकों के साथ शिकार पर जा रहे थे तभी रास्ते में एक बाबा जी का आश्रम दिखाई पड़ा | बाबा जी वहाँ पूजा अर्चना कर रहे थे |
राजा ने बाबा का आश्रम देख कर अपने घोड़े से उतर कर बाबा जी के पास आये और उनके पैर छू कर प्रणाम किया |
बाबा ने उन्हें आशीर्वाद दिया और कहा …आपने प्रजा के लिए जो अच्छे कार्य किये है, उससे हम खुश है और आपको कुछ देना चाहते है |
राजा ने कहा …जी बहुत अच्छा, लेकिन आप मुझे क्या देना चाहते है ?
बाबाजी ने उसके ज़बाब में राजा को एक ताजीब दिया और कहा ….तुम इसे गले में पहन लेना | इस ताजीब में एक मंत्र लिखा है | इस ताजीब को तब खोलना जब तुम सबसे ज्यादा मुश्किल में होगे |

तुम्हे लगे कि अब तुम्हारी जान पर आफत आन पड़ी है और तुम्हारी ज़िन्दगी ख़त्म होने वाली है |
राजा ने बाबा की ओर देखते हुए कहा…आप की जो आज्ञा | हालाँकि राजा मन ही मन सोच रहा था कि बाबा जी मेरी मुसीबत से बचने के लिए मुझे ताबीज क्यों दे रहे है |
मैं तो ऐसा राजा बन गया हूँ कि मुझे कोई भी हरा ही नहीं सकता है | मुझे तो हमेशा जीत ही जीत हासिल हो रही है |
दूसरी तरफ आस पडोस के जितने भी राजा थे सभी सोच रहे थे कि इस घमंडी राजा को कैसे मात दी जाए…, उसे कैसे हराया जाए |
ऐसा सोच कर सभी दुश्मन देश के राजा आपस में मिल गए और सभी राजाओं ने प्लानिंग किया कि सभी मिलकर एक साथ उस राजा पर आक्रमण करेंगे |
जब सारे राजाओं की सेना एक साथ उस राजा से युद्ध के लिए इकट्ठा हुए तो उनकी शक्ति उस राजा से काफी बढ़ गयी और उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से उन पर आक्रमण कर दिया |
राजा उनकी विशाल सेना को देख कर घबरा गया और लड़ते हुए हारने की कगार पर आ गया | उसे अब लगने लगा कि मैं मारा जाऊंगा |
इसलिए वह युद्ध भूमि से अचानक गायब हो गया और भागते हुए जंगल की ओर चला गया | जंगल में भागते हुए वह रास्ता भटक गया |
उसे घने जंगल में रास्ते का कोई ज्ञान नहीं हो रहा था , तभी देखा कि कुछ दुश्मन के सैनिक लोग उसको खोजते हुए उसी तरफ आ रहे है |
राजा उस जंगल में और अन्दर तक चला गया … तभी उसे एक पहाड़ से घिरा हुआ गुफा दिखाई दिया | वह जान बचाने के लिए उस गुफा में जा कर छिप गया और इंतज़ार करने लगा कि कुछ अच्छा हो जाए |
लेकिन राजा को घबराहट हो रही थी और उसका दिल जोर जोर से धड़क रहा था |
उसे एहसास हो गया कि अब उसका अंतिम समय आने वाला है |
ऐसा सोच ही रहा था कि अचानक घोड़ों की टापों की आवाज़ सुनाई देने लगी | उसे लगा कि दुश्मन देश के सैनिक उसे ढूंढते हुए ही इधर आ रहे है | उन्हें शायद मेरे छिपने का पता चल चूका है |
अचानक से उसे लगा अब तो जैसे सब कुछ ख़त्म हो गया है , उसकी आँखों के सामने अँधेरा छाने लगा, |
उसे महसूस होने लगा कि वो सैनिक अब उसे पकड़ लेगा और सभी मिल कर उसे फांसी दे देंगे |.

राजा को पूरा एहसास हो चला था कि अब तो मेरा मरना बिलकुल तय है |
वह बिलकुल निराश होता जा रहा था तभी उसे अचानक याद आया कि बाबा जी ने उसे एक ताबीज दिया था और कहा था कि मुसीबत के अंतिम घडी में ही इसे खोलना |
वो ताबीज जो उसने गले में पहन रखा था उसे फटाफट निकाला और खोल कर देखा | ताबीज में एक कागज़ की चिट्ठी थी | उसमे जो मंत्र लिखा था, उसे वह पढने की कोशिश करने लगा | उसमे लिखा था …”ये भी कट जायेगा” |
राजा उसे पढ़ कर समझ गया कि यह बुरा समय भी कट जायेगा और उसने एक सुकून की सांस ली |
एक बार फिर से ऊपर वाले को याद किया और कहा …धन्यवाद भगवान् , आपने मुझे अब तक जिंदा तो रखा है |
उसने महसूस करना शुरू किया कि उसके अन्दर सकारात्मक विचार आने लगे है | उसका मन का डर अब गायब हो चूका था | वो घोड़ो के टापों की आवाज़ भी आना बंद हो चूका था | शायद सैनिक लोग वहाँ से जा चुके थे |
राजा हिम्मत कर धीरे से गुफा से बाहर निकला और वहाँ के स्थिति का मुआयना कर आश्वस्त हो गया कि अब कोई खतरे वाली बात नहीं है |
उसने जंगल में छुप कर कुछ दिन बिताए और फिर से अपनी सेना को एकत्र करना शुरू किया |
एक दिन अनुकूल समय पाकर उसने उस राज्य पर आक्रमण कर दिया जो राज्य उसका खुद का था और जिसे विरोधी राजा ने हथिया लिया था |
आखिर में जीत उसकी हुई |, उसने अपना राज्य फिर से प्राप्त किया और अपना झंडा फिर से अपने राज्य में फहराया |
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि मुसीबत में घबराना नहीं चाहिए क्योंकि अच्छा चल रहा हो या बुरा… ये वक़्त भी कट जायेगा | बड़े से बड़े संकट टल जायेंगे |
बस अपना धैर्य और साहस को बनाये रखना होगा | हर परिस्थिति में अपनी सोच को बुलंद रखना होगा और अनुकूल परिस्थिति का इंतज़ार ………..क्यों मैंने सही कहा ना..??

पहले की ब्लॉग हेतु नीचे link पर click करे..
BE HAPPY….BE ACTIVE….BE FOCUSED….BE ALIVE…
If you enjoyed this post, please like, follow, share and comments
Please follow the blog on social media …link are on contact us page..