
यह ग़ज़ल दिल के गहरे कोनों से उठते उन भावनाओं का प्रतीक है, जो किसी अपने के बिछड़ने के बाद भी जीवंत रहती हैं। इसमें तन्हाई, यादों का दर्द, और मोहब्बत की मिठास भरी टीस को बखूबी बयां किया गया है।
ग़ज़ल का हर शेर एक अहसास को व्यक्त करता है, जो पाठक के दिल को छू जाता है।
# तेरी यादों का कारवां #
हर शाम जब तन्हाई का पैगाम लाती है,
तेरी यादों की परछाईं मेरे पास आती है।
चाँद भी अपनी रोशनी में तेरा अक्स ढूंढता है,
सितारों की नज़रें भी सवाल कर जाती हैं।
दिल के हर कोने में तेरी खुशबू बसी है,
धड़कनें भी अब तेरा नाम दोहराती हैं।
बेसबब ये आँसू जो पलकों से गिरते हैं,
जाने कौन-सी कहानी बयां कर जाती हैं।
तेरा वादा, तेरी बातें अब भी जिंदा हैं,
हर सांस में मेरी नशेमन मुस्कुराती है।
भले इस दिल ने कभी तुझसे शिकायत न की,
पर तेरी यादें मेरे पलकों मे बूंद बन सताती हैं।
(विजय वर्मा)
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Categories: kavita
Sundar Kavita.👌👌👌
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Thank you so much, dear.
Your words mean a lot.
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Kya khoob likhe ho sir aap! Do saal baad wapas WordPress mei active hui hoon! Aapka kavita wapas padhke bohott khushi ho rhi hai😇
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बहुत बहुत धन्यवाद , डियर |
आपके शब्द मेरे लिए मार्ग दर्शन का काम करते है |
WP पर वापस आने का स्वागत है |😊💕
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very nice
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Thank you so much.
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