# तेरे होने का एहसास #

यह कविता दो प्रेमियों के बीच की गहरी भावनाओं को व्यक्त करती है। इसमें प्रेम की मधुरता, मिलन की आकांक्षा, और आत्मा से जुड़े होने का एहसास झलकता है। यह कविता प्यार की मासूमियत और उसके सच्चे रूप का चित्रण करती है।

तेरे होने का एहसास

तेरे स्पर्श से जाग उठे हैं मेरे सपने,
तेरी सांसों में बसी है मेरी धड़कनें।
हर लम्हे में है तेरे होने का एहसास,
न देखूँ तुझे तो मन लगता है तड़पने।

तेरे बिना मेरी ये दुनिया अधूरी है,
तेरे सुर मेरे गीतों के लिए ज़रूरी है।
तेरी मुस्कान में जादू है कुछ ऐसा,
तुझे देखूँ तो हर ख्वाहिश पूरी है।

कभी रास्ते थे हमारे अलग-अलग,
किस्मत ने अब उन्हें जोड़ दिया है।
तेरे हाथ मेरे हाथों में कब होंगे,
इसका जवाब खुदा पर छोड़ दिया है।

अनकही बातें आँखों में दिख जाती हैं,
प्यार सच्चा हो तो बिना मोल बिक जाती हैं।
हमारा प्यार तुमसे यूं ही बना रहे,
प्यार के रास्तों में सच्चे आशिक बिछ जाते हैं।

चमके यहाँ हर पल उम्मीदों की चाँदनी,
हमारी खुशियाँ फिज़ा में बिखर जाएं।
आओ हम समा जाएं एक दूजे में,
रात की चाँदनी थोड़ी और निखर जाए।
(विजय वर्मा )



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