
जीवन के रास्ते हमेशा सीधी और सपाट नहीं होती। इसमें कभी-कभी ऊँचाइयों पर चढ़ने की चुनौती होती है तो कभी गिरावट का सामना करना पड़ता है। पर हर परिस्थिति ज़िंदगी हमें कुछ सिखाती है और जीवन को और बेहतर ढंग से समझने का मौका देती है।
यह कविता हमे संदेश देती है कि अगर हम अपनी इच्छाशक्ति और मनोबल को मजबूत रखें, तो किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।
“जीवन का संतुलन”
जिंदगी के रास्ते पर हमे
कदम सोच कर बढ़ाना है,
चाहे ऊँचाई जीतनी भी हो,
संतुलन हमे बनाना है।
हर गिरावट में भी सीख है,
हर दर्द में छुपी राहत है ,
संभल कर फिर बढ़ते चलो,
अगर जीने की चाहत है ।
हवा में झूलते सपने यहाँ ,
और मन के मजबूत इरादे
बदल देती है किसी की दुनिया
चला जाता है सितारो के आगे |
कभी धूप, कभी छाँव,
पर रुकते नहीं है पाँव
मुस्कान और आँसू एक संग है,
और सब के दिल में उमंग है |
चले हर कदम संयम से,
जिए हर पल खुले मन से,
मांगना हो तो बस मांगो
तुम धरती और गगन से |
(विजय वर्मा)

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Categories: kavita
🌅🙏🏻 सुप्रभात सर जी 🌺🌺
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सुप्रभात जी। आप कैसे हैं?😊
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बढ़िया हूँ सर जी 🙏🏻
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बढ़िया बात है सर जी! 😊🙏🏻
हमेशा यूं ही स्वस्थ और खुश रहें। ✨
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🙏🏻🙏🏻
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👏👏
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very nice.
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Thank you so much.
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