
अतीत की यादें अक्सर दिल को उमंग और गहराई से भर देती हैं। जब हम अपनी जवानी के सुनहरे दिनों को याद करते हैं, तो हँसी-खुशी और बेफिक्री की वह चमक भी साथ लौट आती है।
यह कविता एक भावपूर्ण स्मरण है, जो बीते समय और बदलती ज़िंदगी का एक सजीव चित्र प्रस्तुत करती है। इसमें वे दिन और वह ऊर्जा याद आते हैं, जो जीवन को एक नए नजरिए से देखने की प्रेरणा देते हैं।
अतीत की यादें
याद आते है मुझे अब भी
अपने अतीत की बाते
जब हम भी जवान थे
और हसीन थी अपनी राते |
आँखों में तब चमक था,
और दिल में थे अरमान
युवा और बेफिक्र थे हम ,
और मन में था तूफान |
जब समय बिता तो अब
बालो में सफेदी आ गई
ख्वाब सब बैरंग हो गए
चेहरे पर झुर्रियां छा गई |
कहाँ गए वो हमारे दिन
वो चमक, वो खिलखिलाहट ?
अब तो डर लगता है
सुन कर किसी की आहट |
पर, चलो ये मान लेते है
ये सब ज़िंदगी का हिस्सा है ,
इसी तरह समय बीतता है
यही यहाँ का किस्सा है |
तो चलो, कल की फ़िक्र छोड़,
जो बचा है उसे ही जीते है
याद करते है बीते दिनो को
और खुशियों को सँजोते है |
(विजय वर्मा )

Categories: kavita
बहुत ही सुन्दर लिखा है सर आपने और अंत मे जो उम्मीद का भाव दिया है वह ही जीवन का मूल मंत्र है
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बहुत-बहुत धन्यवाद 💕
आपकी सराहना और समझ मेरी रचना को और भी खास बना देती है।
सच में, उम्मीद ही जीवन को दिशा और शक्ति देती है। ऐसे ही अपने विचार साझा करते रहिए। 🙏😊
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very nice.
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Thank you so much.
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