
यह कविता जीवन की अनिश्चितताओं और संघर्षों के बीच धैर्य और सकारात्मक बनाए रखने का संदेश देती है। यह हमें याद दिलाती है कि जीवन का सफर आसान नहीं होता, लेकिन कठिनाइयों के बावजूद हमें अपने इरादों को मजबूत रखना चाहिए।
मुझे आशा है आप इसे पसंद करेंगे
तूं क्यों उदास है,
ऐ दिल बता, आज तूं क्यों उदास है,
वक़्त की ठोकरों से क्यों हताश है?
यूं भी ज़िंदगी का सफर आसान नहीं होता
चाहे कोई कितना भी बड़ा और खास है |
विद्वानों ने इसे समझने में ज़िंदगी लगाया
फिर भी इस का फलसफा समझ न आया,
बस समझ लो ज़िंदगी एक पहेली है
और हम सब इससे करते आँख मिचौली है |
कभी खुशी, कभी ग़म तो चलता रहता है,
रोज ही यह तस्वीर बदलता रहता है,
किसी के रोने और उदास होने से कुछ नहीं होता
ज़िंदगी के नाटक का मंचन चलता ही रहता है |
बस मेहनत करो और इरादा पक्का रखो
एक दिन ये ज़िंदगी सँवर ही जाएगा
उदासियाँ छोड़ो और खुशी का चादर ओढ़ो
तुम बदलोगे तो मौसम बदल ही जाएगा |
(विजय वर्मा)

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Categories: kavita
वाह…. उत्कृष्ट सृजन…
“तुम बदलो तो ये वक़्त भी बदल जायेगा!”
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धन्यवाद! आपकी सराहना प्रेरणा देती है।
सही कहा आपने, जब हम खुद को बदलते हैं, तो समय और परिस्थितियाँ भी हमारे साथ कदम मिलाने लगती हैं।
इसी विश्वास के साथ आगे बढ़ते रहना चाहिए।
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very nice.
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Thank you.
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