
एक भावपूर्ण कविता है जो प्रेम की शक्ति और तीव्रता का वर्णन करती है। प्रेम के आगमन कभी कभी मन को बेचैन कर देता है |
प्रेम की शक्ति हमें बदल सकता है, हमें नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है | तो आइये इस कविता का आनंद लें |
प्रेम का तूफान
शांत था मैं, गहरा, अथाह,
सागर-सा, अनंत विस्तार,
किनारे को लोरी सुनाता,
मन था मधुर, जीवन प्यारा।
फिर तुम आईं, तूफान बनकर,
उमंगें लहरों में घोलकर,
गहराईयों तक झकझोर दिया,
मन में तूफान, उमड़ने लगा।
देखो! क्या कर दिया तुमने,
नरम लहरें, अब तूफानी,
शांत बंदरगाह, खेल का मैदान,
बिजली सी सोचें, गड़गड़ाने लगीं।
धड़कनें तूफानी, आँखों में सैलाब,
मन बेचैन, पागल सा है,
हे भगवान! तुम आईं, और शांति गई,
बस तूफान, जो मेरे अंदर है।
क्या करें अब? तूफान गुज़रेगा?
या तुम्हारा साथ पा लूं?
तो आओ नाचें, झूमें, गाएं,
नई ज़िंदगी की रचना करें,
और मिलकर वो गीत गुनगुनाएं।
(विजय वर्मा )

(Pic Courtesy: Pinterest)
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Categories: kavita
अति सुंदर!
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बहुत बहुत धन्यवाद , सर जी |
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बहुत बहुत धन्यवाद, सर जी }
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Prem ka Tufan Kavita bahut sunder.
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Thank you so much, dear.
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सही कहा आपने
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जी, बहुत बहुत धन्यवाद , कविता पढ़ने के लिए |
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