# खोया हुआ सुख #

यह कविता एक परिवार की कहानी है, जो कभी खुशियों से भरा हुआ था, लेकिन अब सन्नाटे में डूबा हुआ है। बच्चों की किलकारी और बुजुर्गों की बातें गायब हो गई हैं| सब मोबाइल की दुनिया में खो गए हैं।

कविता हमें प्रेरित करती है कि हम अपने परिवार को फिर से खुशियों से भरें। यह हमें याद दिलाती है कि परिवार में प्यार, सम्मान और एकजुटता सबसे महत्वपूर्ण चीजें हैं।

यह कविता एक महत्वपूर्ण संदेश देती है, जो आज के समय में बहुत प्रासंगिक है। यह हमें अपने परिवार को महत्व देने और उसे खुशियों से भरने के लिए प्रेरित करती है।

खोया हुआ सुख

कभी हँसी-खुशी से गूंजता था घर,

आज सन्नाटा पसरा हुआ है।

बच्चों की किलकारी गायब है,

बुजुर्गों की बातें अनसुनी रह गई हैं।

मोबाइल की दुनिया में खो गए हैं सब,

अपनों से दूर हो गए हैं।

अपनेपन की भावना खत्म हो गई है,

स्वार्थ की भावना हावी हो गई है।

दादाजी कहा करते थे,

परिवार ही सबसे बड़ा धन है।”

लेकिन आज धन के पीछे भागते हुए,

हमने अपना सबसे बड़ा धन खो दिया है।

आओ, मिलकर इस बेरुखी को मिटाएं,

अपने परिवार को फिर से खुशियों से भर दें।

बुजुर्गों का सम्मान करें, बच्चों को प्यार दें।

परिवार को फिर से एकजुट करें,

दादाजी के सपने को पूरा करें।

आओ, मिलकर एक ऐसा समाज बनाएं,

जहाँ हर परिवार खुशियों से भरा हो।

इस धरती पर स्वर्ग उतारें,

अपने परिवार को प्यार से सजाएँ।

(विजय वर्मा)



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10 replies

  1. अच्छी कविता।

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  2. Bahut Sundar Kavita.Jo sukh Mila hai phir kabhi nahi milta.Samay samay ki baat hai.

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  3. Beautiful post, you are speaking the truth

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