इस वीडियो में देखें एक दिल को छू लेने वाली भोजपुरी कविता “हमनी के बदल गईल बानी जा” का पाठ है । इस कविता में दर्द और सुंदर शब्दों के माध्यम से हमारे समय की सोच और जीवन की अनमोल मोमेंट्स को सुंदरता से प्रस्तुत किया गया है।
इस वीडियो को देखकर आपका मन और आपकी भावनाओं का सुहाना सफर होगा और आपके चेहरे पर मुस्कुराहट बिखर जाएगी |
ओह, भाई साहब , आज के हालत पर एक कविता सुनीं ,
एकर शीर्षक बा, हमरा लागत बा कि…
सोचतानी… हम कहाँ से आईल बानी ?
विज्ञान के एह युग में हमनी के आपन भावना खा गईल बानी जा।
अब एक भाई दोसरा भाई से कहाँ समाधान मांगेला?
अब बेटा अपना समस्या के समाधान बाप से कहां मांगेला?
बेटी घर के नियम के बारे में माई से ना पूछेले।
अब जे गुरु के चरण में बइठ के ज्ञान के परिभाषा सीखता..
अब परी कथा केकरा पसंद बा?
हमनी के प्रियजन के याद अब केकरा के रोवेला?
अब गरीब के के दोस्त कहेला।
अब कहाँ कृष्ण सुदामा के गले लगावेले?
हमनी के जीवन में केतना बदल गईल बानी जा…
प्रियजन के संगे रहला के बावजूद उ लोग अपना प्रियजन से दूर हो गईल बाड़े….
हँ,…हमनी के अपना प्रियजन से दूर हो गइल बानी जा।
( विजय वर्मा )
BE HAPPY….BE ACTIVE….BE FOCUSED….BE ALIVE…
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Categories: kavita
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