
अब वक्त आ गया है कि हम दूसरों को अपनी नाकामी के लिए दोषी ठहराना बंद कर दें | आखिर हम वैसा जीवन क्यों नहीं जी पा रहे जैसा हम चाहते हैं।
ऐ मेरे दिल, आज से ही अपनी पूरी जिम्मेदारी लेना आरंभ कर दे, फिर देखना कि किस तरह हमारी असफलता व नाकामी एक-एक कर बुलबुले की तरह हमारे मार्ग से गायब हो जायेंगे |
निश्चित है कि इससे जिंदगी में सफलता और खुशियां आ जाएँगी | इसलिए मैं अपनी जिंदगी की 100 प्रतिशत जिम्मेदारी लेता हूँ ।
किसी ने सच कहा है कि, ‘जब तुम वास्तव में कोई वस्तु पाना चाहते हो तो संपूर्ण सृष्टि उसकी प्राप्ति में मदद के लिए तुम्हारे लिए षड्यंत्र रचती है।’
इसलिए जिम्मेदारी के साथ सकारात्मक रुख अपनाते चलिए और जिंदगी का जश्न मनाते चलिए ….

चलो फिर एक बार
चलते है मानवता कि दुनिया में
खिलते है फूल जहाँ
महकता है केसर वहाँ
सरसों के फूलों की चादर हो
और कल कल बहती नदियाँ हो |
रंग बिरंगी फूलों पर
मडराती हुई तितलियाँ हो |
पल पल ज़िन्दगी बीत न जाए
आओ इसे हम स्वर्ग बनाये..
प्रकृति ने ही दिया है जीवन
इस जीवन का जश्म मनाये |,,
….विजय वर्मा
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Categories: kavita
Beautiful post as always
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Thank you so much, dear.
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💯
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Thank you so much.
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Feedback please 💯
I grow together
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yes, I will.
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Muchas gracias 🫂
I grow together 💯
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Thank you so much.
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बहुत सुन्दर।
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बहुत बहुत धन्यवाद |
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🩵
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Thank you so much.
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