
वो लड़की गुस्से वाली
आज सुबह की सैर से लौटा तो मन काफी प्रसन्न लग रहा था | हल्की बारिस होने से मौसम सुहाना हो गया था और घर पहुँचते ही चाय पीने की तलब हो गई |
मैंने श्रीमती जी से चाय की फरमाईस की और अपने स्थान पर बैठ गया ब्लॉग लिखने को |
थोड़ी देर में चाय आ गई और चाय की चुस्की के साथ कल के किये हुए ब्लॉग पर आये हुए कमेंट्स को पढने लगा |
आप तो आज कल अच्छी कलाकारी कर लेते हो, मेरी शुभकामनायें….मेरे एक मित्र ने मेरे पोस्ट किये हुए पेन्टिंग पर कमेंट्स में लिखा था |
तो क्या मैं ड्राइंग – पेन्टिंग ठीक तरह से कर पा रहा हूँ ? वैसे मैं इस क्षेत्र में बिलकुल नया हूँ, और सच कहूँ तो मुझे ड्राइंग और पेन्टिंग की बहुत थोड़ी समझ है |
मेरे मित्र की कमेंट्स पढ़ कर मेरे चेहरे पर मुस्कान बिखर गई और मैं अगला ब्लॉग लिखने के लिए अपने को मानसिक रूप से तैयार करने लगा |
तभी इच्छा हुई कि पहले अपने फेसबुक पर भी नज़र मार ली जाये |
फेसबुक देखने के क्रम में मुझे एक झटका लगा ….. यह क्या ? किसी एक मोहतरमा ने मुझे फेसबुक में unfriend कर दिया था |
मैं इसका कारण जानने को उत्सुक हो गया | इसलिए फेसबुक में इधर उधर नज़रे दौड़ाने लगा , लेकिन ऐसी कोई ठोस वज़ह नज़र नहीं आयी | फिर मैं व्हाट्स अप पर चेक किया तो वहाँ भी मुझे ब्लॉक कर दिया गया था |
मैं बहुत निराश हो गया, क्योंकि किसी ने पहली बार मुझे unfriend किया था |
मुझे चैन नहीं आ रहा था | मैं यह जानने को उत्सुक था कि मुझसे गलती कहाँ हो गई
और मेरी कौन सी बात उसे बुरी लग गयी है |

मैं पिछला रिकॉर्ड खंगालने लगा , तभी मुझे कल की एक घटना याद आ गई, यह शायद उसी की प्रतिक्रिया होगी |
कल की ही तो बात है … मैं फेसबुक देख ही रहा था तो मैंने पाया कि उस मोहतरमा ने खुद का एक सुन्दर फोटो पोस्ट कर रखा है | | मैंने उस फोटो को देख कर लाइक कर दिया क्योंकि उनकी तस्वीर अच्छी लगी थी |
इतनी अच्छी लगी कि मैंने उसी वक़्त पास में पड़े हुए पेपर और पेंसिल को उठाया और उनका एक स्केच बना डाला और जब स्केच तैयार हो गया तो मेरे मन में विचार आया कि इसे कलर भी कर दिया जाए तो स्केच और भी सुन्दर हो जायेगा |
मैंने कलर पेंसिल से उसे कलर भी कर दिया |
मेरी जिज्ञासा यहाँ पर भी शांत नहीं हुई और मैंने उस स्केच को अपने ब्लॉग में पोस्ट भी कर दिया |
मैंने सोचा था कि वो मोहतरमा मेरे ब्लॉग को ज़रूर देखेगी और अपनी खुद की स्केच को देख कर अपने कलाकार मित्र के कलाकारी पर शाबाशी देंगी | मैं तो यही आस लगाए बैठा था |
लेकिन यह क्या …उन्होंने मेरा नाम फ्रेंड लिस्ट से ही ब्लॉक कर दिया और साथ ही व्हाट्स अप से भी आउट |
मेरी समझ में नहीं आया कि उन्होंने ना तो अपने गुस्सा का प्रदर्शन किया और ना ही मेरी कार्य की सराहना की | सीधे मुझे ब्लॉक ही कर दिया |

मैं दुखी मन से अपनी दुखड़ा सुनाने के लिए अपने एक दोस्त को फ़ोन मिला दिया | बातों बातों में मैंने अपने मन में चल रहे उथल पुथल को उसे बताया |
उसने जबाब में कहा ..तुन उस मोहतरमा का वो फोटो और तुम्हारा उसे देख कर बनाया हुआ स्केच दोनों व्हाट्स अप पर भेजो | मैं देखना चाहता हूँ, तभी मैं अपनी राय दे पाउँगा |
मैंने ऐसा ही किया और उसके ज़बाब का इंतज़ार करने लगा |
और थोड़ी देर बाद ही उस मित्र का फ़ोन आ गया |
मैंने उत्सुकता से उससे पूछ बैठा …कोई कारण पता चला ?
उसने ज़बाब देने के बजाये.. ठहाके मार कर हँसने लगा |
जब उसकी हँसी शांत हुई तो उसने बताया …. तुमने इतनी ख़राब उसकी स्केच बनाई थी कि हमें पता ही नहीं चला कि इतने सुन्दर चेहरे को किस हद तक तुमने बिगाड़ दिया था |
और उस मोहतरमा का गुस्सा बिलकुल जायज़ था और तुम थोडा ध्यान से देखो …वह मोहतरमा कोई और नहीं बल्कि ..सुरिंदर कौर है जो स्कूल के दिनों में हमलोगों के साथ थी और यहाँ नाम बदल कर फेसबुक अकाउंट बना रखी है |
उसने तो सिर्फ unfriend ही किया है, अगर उसकी जगह मैं होता तो तुझे इतनी गाली देता कि आगे से तू सिर्फ भगवान् का स्केच ही बनाता फिरता …….
अभी अभी कुछ गुज़रा है ….लापरवाह धूल में दौड़ता हुआ
पलट कर देखूं तो ज़रा ………..मेरा बचपन हैं शायद ,

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Categories: मेरे संस्मरण, Uncategorized
🩵🩵
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Thank you so much.
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Aisa bhi kabhi kabhi hota hai.Sundar kahani.
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Yes dear. This is a true story.
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वाह बहुत बहुत।
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बहुत बहुत धन्यवाद , सर जी |
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