# हँसते और हँसाते रहिए #

  • हमें क्यों हँसना ज़रूरी है ? वर्ल्ड लाफ्टर रिपोर्ट 2022 के अनुसार 146 देशों की सूची में भारत का स्थान 136वां है। इसलिए हमें ज्यादा हंसने की जरूरत है।
  • हंसने से सांसें तेज, दिल की धड़कनें तेज, खून का बहाव तेज और हम mentally भी ज्यादा ऐक्टिव होते हैं। एक बार हंसने के दौरान अमूमन 10 से 12 मांसपेशियां शामिल होती हैं।
  • हंसी की छोटी डोज़ हो या बड़ी, सेहत के लिए फायदेमंद है। लोग आपस की बातचीत में अमूमन हंसी का सहारा लेते हैं। हंसना-मुस्कुराना सभी के लिए जरूरी है।
  • हम जन्म के 3 महीने के बाद से ही हंसना शुरू कर देते हैं। हंसने की क्रिया में हमारा चेहरा, छाती, फेफड़े, दिल जैसे अंग शामिल होते हैं।
  • हंसी लोगों से जुड़ने का एक बेहतरीन जरिया है। रोमन साम्राज्य में ‘हिलेरिया’ फेस्टिवल मनाने की शुरुआत हुई थी। हंसना-हंसाना ही इस दिन का मकसद था।
  • हंसने से शरीर में एंडॉर्फिन केमिकल बनता है जो दूसरे जरूरी हॉर्मोन को ज्यादा ऐक्टिव रखने का काम करता है। इससे शरर के बाकाी काम सही तरीके से पूरे होते हैं।
  • कोई शख्स 10 मिनट की सामान्य बातों के दौरान अमूमन 7 से 10 बार हंसता है। अहम बात यह कि उसे इस बात का पता भी नहीं चलता।
  • एक स्टडी के मुताबिक महिलाएं पुरुषों की तुलना में 25 से 30 फीसदी ज्यादा हंसती हैं। इससे उन्हें तनाव भी कम होता है। वह अपने काम ज्यादा बेहतर तरीके से कर पाती हैं।

यह सच है कि पैदा होने के 3 महीने के बाद से ही बच्चा हंसना शुरू कर देता है। जब कोई शख्स मूक और बधिर होता है तो वह भले ही बात न कर सके, लेकिन हंसना वह भी जानता है। यहां तक कि अगर दुर्घटना की वजह से किसी शख्स की बोलने या सुनने की शक्ति चली जाए तो भी वह हँसना नहीं भूलता है।

हंसने में कंजूसी कभी न करें। जितनी जोर से हंसी आए, उतने ही जोर से हंस लें। यह न सोचें कि सामने वाला क्या सोचेगा। ठहाका लगाना कई बार जिंदादिली की निशानी होती है।

एक आदमी काम से थक हार कर घर आया.

पत्नी ने पानी का गिलास दिया,

तभी बेटा मार्कशीट लेकर अपने पिता के पास पहुंचा.

साइंस-39, इंग्लिश- 46, मैथ्स – आगे कुछ पढऩे से पहले आदमी –  ये माक्र्स आए हैं, गधे शर्म नहीं आती ?

नालायक है तू , नालायक. |

पत्नी – अरे आप सुनो तो….

आदमी – तू चुप बैठ.

तेरे लाड़-प्यार ने ही बिगाड़ा है इस नालायक को,

अरे तेरा बाप दिन भर मेहनत करता है और तू ऐसे मार्क्स लाता है.

लड़का चुपचाप गर्दन नीचे किए.

पत्नी – अरे सुनो तो…

आदमी – तू चुप कर. एक शब्द भी मत बोल, आज बताता हूं इसे.

पत्नी इस बार तेज आवाज में – अरे सुनो पहले.

सुबह अलमारी साफ करते वक्त मिली थी, ये आपकी मार्कशीट है…

फिर भयानक सन्नाटा …

पहले की ब्लॉग  हेतु  नीचे link पर click करे..

BE HAPPY….BE ACTIVE….BE FOCUSED….BE ALIVE…

If you enjoyed this post, please like, follow, share, and comments

Please follow the blog on social media … visit my website to click below www.retiredkalam.com



Categories: infotainment

20 replies

  1. Mast 👏🏻👏🏻
    How are you sir ji? 🙇🏻‍♂️

    Liked by 1 person

  2. I am fine dear. What about you ?

    Like

  3. Vamos sorrir 😃😃😃😃

    Liked by 1 person

  4. मजेदार। पढ़ कर मजा आया।

    Liked by 1 person

  5. मोहन "मधुर"'s avatar

    सही और दिलचस्प पोस्ट।

    Liked by 1 person

  6. Bahut Jaankari ke Saath majedaar jokes.Hasi to ayegi.

    Liked by 1 person

  7. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    Both Optimistic and Pessimistic contribute to society,
    The Optimistic invent the Aeroplane, and the pessimist the parachute.

    Like

Leave a reply to vermavkv Cancel reply