# वक़्त का पैग़ाम #

यह कविता “वक्त” की अनमोलता और उसकी विविधताओं पर केंद्रित है। यह बताती है कि जीवन में सुख-दुःख, संघर्ष और सफलता का अनुभव समय के साथ आता है। जो व्यक्ति समय की चाल को समझकर उसके अनुसार चलता है, वही जीवन में सफल होता है।

कविता हमें यह भी याद दिलाती है कि समय हर घाव का मरहम है, और इसे समझकर जीने वाला ही अपने जीवन को सार्थक बना सकता है।

# वक़्त का पैग़ाम #

वक्त की है ये अजब कहानी,
कल था सपना, आज वीरानी।
थोड़ी खुशी, थोड़ा सा ग़म,
जीवन है दोनों का संगम।

वक्त रुकता नहीं किसी के लिए,
चाहे राजा हो या फ़कीर कहिए।
जो समझे वक़्त की चाल,
उसकी किस्मत हो जाये निहाल।

कभी सिखाता सब्र का मोल,
कभी दिखाता कर्म का गोल।
वक्त कसौटी, वक्त ही साज़,
इससे बढ़कर कुछ नहीं आज।

वक्त के संग जो चलना जानें,
वो अपनी मंज़िल को पहचानें।
जो ठहर गया बीच राह में,
वो हार गया जीवन के माने।

वक्त देता हर घाव का मरहम,
बस दिल में हो सच्चा करम।
ना शिकवा, ना कोई इल्ज़ाम,
वक्त ही लिखता अपना पैग़ाम।

कभी परखता, कभी तराशता,
हर मोड़ पर कुछ सिखलाता।
जो झुक गया रीति समझकर,
वो जीवन को सफल बनाता।

वक्त का है अद्भुत अंदाज़,
कभी सजा, कभी है नाज़।
मुस्कुरा कर जी लो हर पल,
कौन जाने—क्या हो कल।

(विजय वर्मा )
www.retiredkalam.com



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32 replies

  1. Beautiful as always, have a wonderful day!

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  2. very nice .

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  3. अतिसुन्दर

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    • आपके स्नेहिल शब्दों के लिए हृदय से धन्यवाद 🙏
      आपका यह कहना “अतिसुन्दर” मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत है।

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