
“क्या हो अगर समंदर शराब बन जाए…? अगर दिल के सारे राज़ बेनक़ाब हो जाएं…?
इस ग़ज़ल में भावनाओं की गहराई, इंसानी मुखौटों की सच्चाई और इश्क़ की बेक़रारी को खूबसूरती से पिरोया गया है।
‘Imagine the Chaos’ एक ऐसी कल्पना है जो सोचने पर मजबूर करती है – कि अगर हर सपना सच हो जाए, तो दुनिया का चेहरा कैसा होगा? ये ग़ज़ल दिल को छू लेने वाली है।”
“सोचो कितना बवाल होगा…”
अगर समंदर में आग लग जाए,
हर इक लहर में सवाल होगा।
जो जाम हों सब घटाओं के,
तो फिर नशा ही मिसाल होगा।
हक़ीक़तें जब ख्व़ाब बन जाएँ,
तब ज़िन्दगी क्या कमाल होगा।
जो दिल के परदे हटा दिए जाएँ,
तो हर नज़र में भूचाल होगा।
मुस्कानें सब दिखावा निकले,
तो फिर अकेलापन हाल होगा।
जो हर दुआ में तू ही निकले,
तो इश्क़ कैसा बवाल होगा।
जो अपने चेहरे बेनक़ाब हों,
तो हर चेहरा एक जाल होगा।
ख़ुदा ही जाने दिलों का राज़,
वरना हर लफ़्ज़ ग़ुबार होगा।
“वर्मा” कहे, है छुपी हर सदा में,
जो सुन सके वो कमाल होगा |
(विजय वर्मा )
www.retiredkalam.com

Categories: kavita
Nice post 💜
Have a great afternoon 🌞 Greetings regards 🌎🇪🇦
Pk 🌎 Rita
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Thank you so much for your visit.
Stay happy and blessed.
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A beautiful ghazal. Thanks, in this age of worst corporate culture dominating lives, there is still someone who dares to be a poet, a wrong man in worker’s paradise of Tagore
वर्मा कहें, हैं छुपी हर सदा में
जो सुन सकें, वो कमाल होगा l
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बहुत आभार 🙏
आपकी यह प्रतिक्रिया मेरे दिल को छू गई। सच में, टैगोर की “The Wrong Man in Workers’ Paradise” की तरह, आज की भागदौड़ और यांत्रिकता में कविता करना एक संघर्ष है — लेकिन शायद यही “गलती” सबसे ज़्यादा ज़रूरी है।
वर्मा कहें, हैं छुपी हर सदा में,
जो सुन सकें — वही असली रसिक होगा।
शब्दों का यह साथ यूँ ही बना रहे — यही कामना है। 🌸
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Certainly 🙏❤️
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आपकी सहमति और स्नेहपूर्ण भाव के लिए दिल से आभार 🙏
कविता और संवेदना का ये रिश्ता यूँ ही बना रहे —
शब्द कभी थकते नहीं, और दिल कभी रुकते नहीं।
आप जैसे सहृदय पाठकों का साथ ही असली प्रेरणा है। 🌸✨
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Correction: Actually, I wanted to write this, but since my friend is on call, I typed wrong:
वर्मा कहे, चुपी हर सदा में
जो जाने, वो कमाल होगा l
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बहुत सुंदर संशोधन 🙏
“वर्मा कहे, चुपी हर सदा में
जो जाने, वो कमाल होगा…”
इन पंक्तियों में गहराई है — सन्नाटों में छुपे सुर, अनकहे जज़्बात, और अदृश्य भावनाओं की ध्वनि…
सच में, जो इन ‘चुप’ सदाओं को समझ ले, वो ही असल में कमाल का इंसान होगा।
आपके शब्दों में वही संवेदनशीलता है जो आज दुर्लभ है।
शब्दों से संवाद यूँ ही चलता रहे… ❤️
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Thanks ❤️
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You are welcome.
Stay happy and blessed.
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very nice .
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Thank you so much.
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