# एक किताब की तरह हूँ मैं #

यह कविता जीवन की गहराइयों, रिश्तों की पेचिदगियों और आत्मा की निश्छल सच्चाई को दर्शाती है। हर इंसान की ज़िंदगी एक किताब की तरह होती है — कुछ पन्ने उजले, कुछ धुँधले; कुछ लोग बस ऊपर-ऊपर देखते हैं, जबकि कुछ दिल से पढ़ते हैं।

यह कविता उन्हीं पाठकों को समर्पित है, जो दिल से पढ़ते हैं और आत्मा को महसूस करते हैं।

एक किताब की तरह हूँ मैं,
कुछ पन्ने मुड़े-तुड़े, कुछ साफ़-सुथरे।
कहीं धूल जमी है बीती यादों की,
तो कहीं महकती है खुशबू जज़्बातों की।

हर पृष्ठ पर एक अनकही कहानी है,
दर्द में भी छुपी मुस्कुराहट की निशानी है।
कभी इश्क़ के रंग हैं भीगे अल्फ़ाज़ों में,
कभी तन्हाई का साया है ख़ामोश आवाज़ों में।

कुछ लोग बिना पढ़े ही गुज़र जाते हैं,
जैसे मेरी ज़िंदगी बस एक कवर पेज हो।
कुछ पहले पन्ने पर ठहर कर सोचते हैं—
“शायद कुछ ख़ास नहीं इसमें, छोड़ दो…”

मगर जो दिल से पढ़ते हैं,
हर लफ़्ज़ में मुझे महसूस कर लेते हैं।
वो मेरी हर अधूरी बात में भी
एक पूरा जज़्बा पा लेते हैं।

चाहे जितनी भी पुरानी हो जाऊँ,
मगर मेरे अल्फ़ाज़ कभी नहीं बदलते।
वक़्त भले बदल जाए, रिश्ते नहीं बदलते,
मैं वही हूँ — सादगी से लिपटी एक हक़ीक़त।

(विजय वर्मा )
 www.retiredkalam.com



Categories: kavita

Tags: , , , , ,

10 replies

  1. very nice

    Liked by 2 people

  2. बहुत सुन्दर !

    Like

    • बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏
      आपकी सराहना मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत है।
      आपके शब्दों से हौसला मिलता है कि मैं यूँ ही दिल से लिखता रहूं।
      आभार सहित 🌸📖

      Liked by 1 person

  3. This is amazing blog, Please leave a comment on my blog if you got a chance or multiple comets! 😉

    Like

    • Absolutely! 😊
      Your blog is truly a heartfelt treasure.
      I will definitely visit and leave my thoughts in the comments — not just once, but many times! 😉
      Keep writing — your words genuinely touch the soul. 🙏✨

      Like

  4. बेहतरीन 👍👌

    Liked by 1 person

    • आपका धन्यवाद 🙏
      आपकी सराहना मेरे लिए बहुत मूल्यवान है।
      यूँ ही जुड़े रहिए — आपके शब्दों से हौसला मिलता है। 😊💐

      Like

Leave a comment