
समुद्र की लहरों के संग बहती यादें, बीते पलों की मीठी गूंज और हाथों में हाथ डाले जीवन का अनमोल सफर… यह कविता एक बुजुर्ग दंपति की भावनाओं को उजागर करती है, जो हर लम्हे को जश्न की तरह जीते हैं। ढलती शाम में भी उनका प्यार सूरज की रोशनी सा दमकता है।
उम्र चाहे जो भी हो, जब दिल में उमंग और साथ में अपना प्रिय हो, तब हर लहर संग जीवन मधुर संगीत सा बहता है।
तेरी बाहो में
चलो, लहरों की बाहों में बहते हैं,
पुरानी यादों की बारिश में रहते हैं।
हाथों में हाथ हो और दिल में उमंग,
जीवन के इस सफर में भरते है रंग।
रेत पे कदमों के निशान बनाते है,
समय के संग धीरे-धीरे मिटाते है ,
तेरी हँसी, और वो प्यार भरी बातें,
दिल के किसी कोने में सजाते है ।
ढलती शाम, सूरज भी मुसकुराता है,
बुढ़ापे को देख जवानी भी शरमाता है,
अपना साथ कितने दिनो का है,
जितना है उसका जश्न मनाते है ।
(विजय वर्मा)

Categories: kavita
very nice
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Thank you so much.
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Very nice romantic poem
👌👌
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Thank you so much, dear.
This poem relates to elderly couple..💕
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