# यादों की महफिल में #

यह कविता जीवन के उस दौर को याद करती है जब जवानी की बेफिक्री और सपनों का आसमान हमारे साथ था। दोस्तों के साथ बिताए वो बेहतरीन पल, आँखों में चमक और दिल में प्यार लिए हम हर पल को जीते थे।

पर समय के साथ वो दोस्त, वो महफिलें कहीं पीछे छूट गईं। कविता हमें याद दिलाती है कि कल की चिंता छोड़कर, आज का हर पल खूबसूरत तरीके से जीने का महत्व क्या है।

यादों की महफिल में

कभी वो भी क्या दिन थे
जब हमारे ख़्वाब थे हज़ार 
आँखों में एक चमक थी ,
और दिल में था प्यार । 


जब युवा और बेफिक्र थे, 
हर वक़्त  हम मुसकुराते थे
दोस्तों के संग मस्ती करते थे
बिना कहे ही बात समझ जाते थे
|

समय क्या बीता कि उसके, 
अब निशान ही बाकी है
न महफिल है और न दोस्त
न  जाम है न साकी है ।

आओ, जिये हम आज को
कल कि चिंता क्यों करें ?
हर पल है यहाँ खूबसूरत
जलाए हम  उम्मीदों के दिये |

(विजय वर्मा )

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6 replies

  1. Happy Friendship Day. Have a marvelous day.

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