#दिल की गहराइयों में तू#

यह कविता एक गहरी प्रेम की अनुभूति है, जहाँ दूरी के बावजूद प्रिय का एहसास हमेशा दिल के करीब बना रहता है। इसमें उस अटूट बंधन का वर्णन है, जो न सिर्फ ख्वाबों में बल्कि दिल की हर धड़कन और जीवन के हर पल में महसूस होता है।
यह प्रेमी के प्रति वो अनमोल भावना है, जो वक्त और दूरी के बावजूद भी कायम रहती है।

दिल की गहराइयों में तू

रात की खामोशियाँ हैं, चारों तरफ घना अंधेरा है,
दिल की आँखों से देखा, तेरा ही हर तरफ पहरा है।
चमकते तारों में भी तेरा ही चेहरा उभरता है,
समंदर की लहरों में दिल तुझको ही ढूँढता रहता है।

तू दूर था, मगर दिल के करीब सा एहसास था,
हर ख़्वाब में मैंने बस तेरा ही अक्स देखा है।
दिल के कोनों में तू गहराई से कहीं छुपा था,
मेरे कोरे कागज़ पर तेरा नाम लिखा पाया है।

दिल की गहराइयों में बसी हैं तेरी मीठी बातें,
झूठ में भी तेरा प्यार सच्चा सा लगता है।
तू था मेरी रूह में, मेरे हर गीत-संगीत में,
मैं बिखरी थी, पर तुझे हमेशा पूरा पाया है।

मेरी हर धड़कन में तेरा ही नाम गूंजता रहा,
तू नहीं था पास, मगर तेरा एहसास संग चलता रहा।
अब भी मेरी आँखों में बस तेरा ही साया है,
ज़िंदगी के अंधेरों में तेरा नूर छुपा पाया है।
(विजय वर्मा )

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14 replies

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