
एक पुराने प्यार को याद करते हुए लिखी गई है यह कविता | इस में यादों की सुदरता और साथ ही साथ नए अवसरों के लिए उम्मीद जताई गई है। और अंत में, एक नए अध्याय की शुरुआत करने की कोशिश ।
नया मोड़, नई ज़िंदगी
उस मोड़ से शुरू करें, फिर से वो ज़िंदगी,
हर शय जहाँ हसीन थी, हम तुम थे अजनबी।
वो शाम धीरे-धीरे रंग लेकर आई,
आँखों में थी ख़ामोशी, दिल में थोड़ी बेचैनी।
दिल की राहों में हम सब कुछ खो बैठे थे,
सिर्फ़ हम ही समझते थे अपने दर्द की संगत।
नज़रें मिलीं तो लहरों ने भी हंसकर कहा,
आओ, दिल की बात बहा दो इन गहरी लहरों में।
हर कदम पर हमें ताज़गी का एहसास हुआ,
जब तुम पास थे, तो हवाओं में भी नमी थी।
अब हम फिर से उन्हीं पुरानी राहों पर मिले हैं,
इस बार न हो पुरानी यादों की वही बेख़ुदी।
ये वक़्त है नया, नया इम्तिहान है ये,
जाने क्या लिखेंगे हम इस नए अध्याय में।
आओ, मिटा दें दूरियां, गले लगा लें ज़माना,
ये मोड़ है नया, नई उम्मीदों का फसाना ।
(विजय वर्मा )

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Categories: kavita
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
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बहुत बहुत धन्यवाद , डियर |
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very nice.
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Thank you so much.
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बहुत बहुत धन्यवाद |
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