
बरसात को प्रेम की प्रतीक के रूप में चित्रित किया गया है। हर बूंद में प्रियतम की यादें और उनका प्यार झलकता है।
बरसात की नमी और ठंडक, दिल को सुकून देती है | जीवन में नई खुशियां और प्रेम की हरियाली लाती है।
तुम्हारी सी बरसात
आज की बरसात, तुम्हारी सी लगती है,
मन को शांत, आत्मा को तृप्त करती है।
इसकी हर बूंद तुम्हारे एक अक्षर सी लगती है,
मेरे दिल के सागर में प्यार की लहरें उठती हैं।
ये बरसात तुम्हारी यादों में खो जाती है,
मन को मोह लेती है, आंखों को भिगोती है।
धीमी फुहारों में, तुम्हारी बातें कानों मे गूंजती हैं,
और तेज बारिश, तो तुम्हारा आँचल सा लगती है।
तुम्हारे बिना, ये बरसात अधूरी सी लगती है,
जैसे बिना तारों के, रात अंधेरी सी लगती है।
तुम्हारे प्यार का साया, इस बरसात में छिपा है,
जो हर पल मुझे तुम्हारी यादों के करीब लाता है।
ये बादल, ये बरसात, सब तुम्हारी याद की रवानी हैं,
मेरे दिल के हर कोने में तुम्हारी आँखों का पानी है।
तुम्हारी यादों के साथ, ये बरसात भी बह जाती है,
और मेरे जीवन में खुशियों की बहार आ जाती है।
(विजय वर्मा)

(Pic courtesy:Pintererst)
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Categories: kavita
So beautiful post 🌺🌺
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Thank you so much, dear.
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nice one.
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Thank you so much.
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