
किसी ने खूब कहा है कि अगर आवाज़ ऊँची हो तो कुछ लोग सुनते है और अगर बात ऊँची हो तो बहुत लोग सुनते है |
मैं यहाँ एक छोटी परन्तु बड़े मजेदार कहानी सुनाना चाहता हूँ |
एक लड़का जिसकी उम्र करीब २४ साल था | वह एक सेठ के यहाँ नौकरी करता था | उसके माँ बाप अब इस दुनिया में नहीं थे और उसकी ज़िन्दगी गरीबी और परेशानी में बीत रही थी |
वो रोज सुबह से शाम तक उस सेठ के यहाँ नौकरी करता और फिर रात में घर आता, खाना बनाता और खाना खाकर सो जाता | यही उसकी दिनचर्या थी |
इस बीच एक अजीब घटना हुई, रोज़ की तरह उसने चार चपाती और सब्जी बनाई और खाने से पहले जब हाथ मुंह धो कर वापस आया तो देखा कि चार रोटी की जगह तीन रोटी ही बची है, यह देख कर उसे बड़ा आश्चर्य हुआ |
खैर ज्यादा ध्यान न देते हुए खाना खाया और सो गया |
परन्तु ये सिलसिला यूँ ही तीन चार दिन चलता रहा, तो पांचवे दिन उसने इस बात को पता लगाने की ठानी कि आखिर एक रोटी कम कैसे हो जाती है |
और फिर उसने उस चूहे को पकड़ लिया | वो चूहा मोटा सा उस लड़के की एक चपाती ले लेकर जा रहा था |
मेरी किस्मत का रोटी
जब उसने उस चूहे को पकड़ा तो चूहे ने कहा ….भैया, तुम मेरी किस्मत का रोटी वापस क्यूँ छीन रहे हो | ये तो मैं अपनी किस्मत का खाता हूँ , मेरे हिस्रीसे की चपाती तो मुझे ले जानो दो |
तो लड़के ने कहा …. मैं बहुत गरीब हूँ ओर मेरे पास ज्यादा पैसे नहीं है | , मैं मुश्किल से सिर्फ चार चपाती और थोड़ी सब्जी बना पाता हूँ और उसमे से एक तुम्हे दे दूँगा तो मैं भूखा रह जाऊंगा / | मैं क्या करूँ मेरी ज़िन्दगी ने तो मुझे बेहाल कर रखा है |
इस पर उस चूहे ने कहा .-तुम्हारे गरीबी के कारणों का निराकरण एक आदमी कर सकता है |
लड़के ने पूछा …वह कौन है ?
चूहे ने ज़बाब दिया …. वो गौतम बुद्ध है | तुम उनके आश्रम में जाओ और उनसे अपने सवाल का जबाब पूछो , शायद तुम्हारा भविष्य सुधर जाए | वो तुम्हे रास्ता जरूर बताएँगे कि तुम्हे करना क्या चाहिए |

लड़के को चूहे की बात पसंद आयी और उसने चूहे से कहा….. ये तो बहुत ही बढ़िया बात है, |
उसने चूहे की बात मान कर गौतम बुद्ध से मिलने को तैयार हो गया. | उसने अपने सेठ से बहाना बना कर 5-6 दिनों की छुट्टी ले ली और गौतम बुद्ध से मिलने चल पड़ा |
रास्ता लम्बा था, और चलते चलते रात हो गई | वह लड़का रात गुजारने के ख्याल से वहाँ इधर उधर ठिकाना ढूंढने लगा / तभी कुछ दूर पर उसे एक हवेली दिखाई दी | वह वहाँ जाकर रात गुजरने के लिए शरण मांगी |
उस लड़के की बात सुन कर हवेली की मालकिन ने पूछा …. बेटे, यह तो बताओ कि तुम कहाँ जा रहे हो ?
मैं गौतम बुद्ध के आश्रम जा रहा हूँ
लड़के ने कहा …. मैं गौतम बुद्ध के आश्रम जा रहा हूँ उनसे मिलने |
मालकिन ने कहा … तुम तो बहुत अच्छी जगह जा रहे हो | तुमसे मेरा एक निवेदन है कि गौतम बुद्ध से हमारे एक सवाल का जबाब लेते आना, अगर वो सवाल का जबाब दे दें |
लड़के ने कहा… जरूर मैं आपका सवाल पूछूँगा, पर आप का सवाल क्या है, वो तो बताइए |
इस पर हवेली की मालकिन ने कहा…बेटा, मेरी बीस साल की बहुत ही खुबसूरत और होनहार बेटी है , लेकिन वो बीस सालो में एक शब्द भी नहीं बोली है |
बस उनसे इतना पूछ लेना कि मेरी बेटी कब बोलेगी ? इतना बोलते बोलते उस हवेली की मालकिन की आँखों में आँसू आ गए /
वो लड़का भावुल होकर बोला…..माता जी, आप परेशान ना हो | इस सवाल का जबाब मैं ज़रूर लेकर आऊंगा |
लड़का अगले दिन फिर चल पड़ा | रास्ता बहुत लम्बा था , थोड़ी दूर चलने के बाद उसे बहुत ऊँचे- ऊँचे बर्फीले पहाड़ मिले |
उसे समझ नहीं आ रहा था उस पहाड़ को कैसे पार किया जाए , ऐसे तो बुद्ध के पास पहुँचने में बहुत वक़्त लग जायेगा |
तभी वहाँ तपस्या करता हुआ एक आदमी दिखा |
वह उस आदमी के पास गया और उससे बोला ….मैं गौतम बुद्ध से मिलने जा रहा हूँ | पर इस कठिन पहाड़ को कैसे पार करूँ |
उस आदमी ने कहा… , मैं एक जादूगर हूँ | मैं तुम्हे इस पहाड़ को बड़े आराम से पार करा सकता हूँ |
परन्तु तुमसे एक निवेदन है… , तुम वहाँ उस महात्मा से मेरे एक सवाल का जबाब लेते आना |
लड़ने ने पूछा ….तुम्हारा सवाल तो बताओ ?
इस पर जादूगर ने कहा .. . मैं एक हज़ार सालों से इसी पहाड़ में बर्फ पर तपस्या कर रहा हूँ , स्वर्ग जाने के लिए | मुझे यह पता नहीं चल रहा है कि मैं स्वर्ग कब जाऊंगा ?
बालक ने उनकी तकलीफ को समझते हुए वचन दिया और कहा … आप के इस सवाल का उत्तर ज़रूर लेता आऊंगा |
जादूगर ने अपनी जादू की छड़ी से
बस क्या था , जादूगर ने अपनी जादू की छड़ी से पलक झपकते ही उसे पहाड़ पार करा दी | आगे चलते हुए मैदानी इलाका आ गया |
थोड़ी दूर चलने के बाद रास्ते में उसे एक बड़ी सी नदी मिली | अब वो सोचने लगा अब इस नदी को कैसे पार किया जाए |
वह सोच ही रहा था कि तभी उसे एक बड़ा सा कछुआ दिखाई पड़ा |
उसने कछुए से नदी पार कराने के लिए मदद मांगी और बोला…. कृपया अपनी पीठ पर बैठा कर नदी पार करा दीजिये |
कछुए ने बोला ठीक है और उसने उसे अपने पीठ पर बैठा कर नदी पार कराने लगा |
इस बीच, बातों बातों में कछुआ ने पूछ लिया …. तुम कहाँ जा रहे हो |
लड़के ने जबाब दिया ….. मैं गौतम बुद्ध से मिलने जा रहा हूँ | तब कछुए ने कहा… वाह दोस्त, तुम तो बहुत अच्छी जगह जा रहे हो | मैं तो तुम्हारी मदद की है, उसके बदले में मेरा एक काम तुम कर दो तो मेहरबानी होगी |
मेरे एक सवाल का जवाब गौतम बुद्ध से लेते आना, अगर जबाब मिल जाए तो |
लड़के ने कहा ठीक है, आप अपना सवाल बताइये |

कछुए ने कहा ….मैं पाँच सौ सालो से इस नदी में हूँ और मैं ड्रैगन ( dragon) बनने की कोशिश कर रहा हूँ | मैं ड्रैगन ( dragon) कब बनूँगा ये पूछ कर आना है |
लड़के ने कहा….. ठीक है, मैं कोशिश करूँगा कि आप के सवाल का जवाब मिल जाए |
इस तरह नदी पार करने के बाद थोड़ी देर में वह आश्रम पहुँच गया | उस समय गौतम बुद्ध के आश्रम में प्रवचन चल रहा था |
वह लड़का वही बैठ कर प्रवचन सुनने लगा | जब प्रवचन ख़त्म हुआ तो गौतम बुद्ध ने अपने भक्तो से कहा, ..,आप सब लोग अपना अपना सवाल पूछ सकते है | परन्तु प्रत्येक भक्त के सिर्फ तीन सवालों के जवाब ही दियें जाएंगे |
अब लड़के के सामने यह समस्या थी कि उसके अपने सवाल को मिला कर कुल चार सवाल थे जिसके उत्तर जानने थे | इस हिसाब से किसके सवाल को छोड़ा जाए | यानि किसका सवाल पूछे और किसका सवाल छोड़े |
अब उस लड़के ने सोचना शुरू किया तो सबसे पहले उस मालकिन की सवाल याद आई जिसकी बेटी की आवाज़ सुनने के लिए वह बीस साल से तरस रही थी |
इसके सवाल को तो लेना तो ज़रूरी होगा | फिर अगली तस्वीर उसके दिमाग में उस जादूगर की आई, जो हज़ार वर्षो से बर्फ के पहाड़ पर तपस्या कर रह था और तीसरा कछुए का सवाल ध्यान आया, जो पाँच सौ सालों से नदी में है और ड्रैगन (dragon) बनना चाह रहा है |
इस प्रकार लड़के को अपना सवाल उन लोगों के सवाल से मामूली नज़र आया और सोचा कि वो तो किसी तरह नौकरी कर अपना पेट तो पाल ही रहा है | अपनी ज़िन्दगी जैसे तैसे चल ही रही है | मैं थोडा और मिहनत करके ज़िन्दगी बेहतर कर लूँगा |
उनलोगों के सवाल के सामने मेरे सवाल बहुत कम महत्वपूर्ण है | इसलिए उसने अपने सवाल को छोड़ दिया | उसने सोचा इन तीन लोगों के ज़िन्दगी में बदलाव लाना ज़रूरी है | ऐसा सोच कर उन तीनो के सवाल गौतम बुद्ध के सामने रख दिए |
गौतम बुद्ध ने जवाब दिया,
गौतम बुद्ध ने जवाब दिया, सबसे पहले हवेली के मालकिन का | और कहा – जैसे ही लड़की की शादी हो जाएगी वो बोलना शुरू कर देगी |
दुसरे सवाल का जबाब देते हुए वे बोले ….जादूगर से कहना कि वो जादू की छड़ी त्याग दे | वो जिस दिन छड़ी का त्याग करेगा वो उसी पल स्वर्ग चला जायेगा |
और तीसरे सवाल के जबाब में उन्होंने कहा ….उस कछुए से कहना कि वो अपना कवच उतार दे और जैसे ही वह कवच का त्याग करेगा उसी पल वह ड्रैगन ( वो dragon) बन जायेगा |

लड़के ने गौतम बुद्ध को नमस्कार किया और वहाँ से अपने घर की ओर वापस चल पड़ा |
सबसे पहले उसे वो कछुआ मिला | उसने कछुआ से कहा ….महात्मा जी ने कहा है कि तुम अपना कवच उतार दोगे तो ड्रैगन (dragon) बन सकते हो |
इतना सुनकर कछुए ने अपना कवच उतार दिया | उसके कवच से बहुत सारे मोती ही मोती निकल आए |
कछुआ ने कहा…. मैं अब इन मोती का क्या करूँगा | तुम ये सारे मोती ले लो और अन्वोततः ड्रैगन ( dragon) बन गया |
थोडी और दूर चलने के बाद बर्फ का पहाड़ के पास आ गया तो उसे वह जादूगर मिल गया |
जादूगर ने पूछा …..मेरे सवाल के जवाब लाये हो ?
लड़के ने कहा ….. गौतम बुद्ध ने कहा है कि जिस दिन तुम जादू की यह छड़ी का त्याग करोगे तो तुम स्वर्ग चले जाओगे |
जादूगर ने कहा… तो ठीक है, यह छड़ी इनाम के तौर पर तुम अपने पास रख लो और वह जादूगर स्वर्ग चला गया |
अब पहाड़ पार करने के बाद वो उस हवेली में पहुँचा जहाँ हवेली की मालकिन उसका इंतज़ार कर रही थी |
उसने मालकिन से कहा …. आप के सवाल का जबाब मिल गया है |
गौतम बुद्ध ने कहा है कि जिस दिन आपकी बेटी की शादी हो जाएगी वो बोलने लगेगी |
बालक के मुख से तह बात सुन कर मालकिन खुश हो गयी | उसने उस बालक से कहा …. तो देर किस बात की | तुमसे अच्छा और नेक लड़का इस लड़की के लिए कहाँ मिलेगा |
मैं तुमसे ही उसकी शादी कर देती हूँ | लड़की को बुला कर उसकी भी इच्छा पूछी गयी | दोनों ने एक दुसरे को पसंद किया और शादी हो गई |
जैसे ही लड़की की शादी हुई , तो लड़की ने पहला वाक्य कहा …. आप वही है ना, जो उस रात यहाँ रुके थे |
लड़की ने बोलना शुरू कर दिया | अब लड़के को बेहतर जीवन जीने के लिए पत्नी मिल गई , ढेर सारे मोती के रूप में धन मिल गया और जादू की छड़ी के रूप में उसे शक्ति भी प्राप्त हो गयी | और उस लड़के की ज़िन्दगी बेहतर और कुशल हो गई |
उस लड़के के भाग्य इसलिए बदल सके की उसने अपने सवाल का त्याग किया था |
यह छोटी सी कहानी हमें बहुत बड़ी बात सिखाती है……….. जब हम दुसरो के भलाई और मदद करने की कोशिश करते है तो खुद का भला अपने आप होता है |
मुझे तो इस कहानी में जीवन के सार नज़र आए… आप को कैसा लगा comments जरूर कीजियेगा |

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Categories: story
Beautiful story 👏 at the end everyone got their answers and the boy got wife if we help others God will help us ! Well shared
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Thank you so much Priti.
I’m glad you enjoyed the story. It’s true, when we help others, good things often come back to us.
It’s wonderful to hear that the message resonated with you.
Let’s keep spreading positivity and kindness.
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😊
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Good night.
Have a peaceful night.
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🙏
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Good morning
Have a nice day.
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Nice photos! 😊
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Thank you so much.
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Nice post
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Thank you so much, dear.
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