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चार दोस्त रोज सुबह-शाम एक साथ पार्क में घूमते और गपशप करते | कभी – कभी वे सब पास के मंदिर में जाते और भगवान को शुक्रिया अदा करते कि उनकी बुढ़ापे की ज़िंदगी ठीक से कट रही है | यही उनकी रोज की दिनचर्या बन चुकी थी।
हालांकि उन लोगों के घर पर किसी चीज़ की कमी नहीं थी और कोई परेशानी नहीं थी। उनके घर के लोग उन लोगों का बहुत ख्याल रखते थे |,
लेकिन आज का माहौल कुछ अलग दिख रहा था | चारो दोस्त आज पार्क में खामोश बैठे थे, क्योंकि उनका एक दोस्त शर्मा जी ने वृद्धाश्रम में जाने का फैसला कर लिया था और बस शिफ्ट करने वाले ही थे | इसी बात को लेकर सभी दोस्त दुखी थे।”
तभी शर्मा जी ने खामोशी को तोड़ते हुये कहा – आज मैं आप सबों को रोटी के बारे में बताना चाहता हूँ |
कमल जी ने बड़ी जिज्ञासा से पूछा, रोटी के बारे में तो हम संब जानते है , इसमे बताने वाली बात क्या है ?
इस पर शर्मा जी कहा – रोटी चार तरह की होती है |
पहली रोटी माँ की रोटी होती है जो “सबसे स्वादिष्ट” होती है क्योंकि वह माँ के “प्यार” और “वात्सल्य” से भरी होती है |
इस तरह की रोटी से पेट तो भर जाता है, लेकिन मन कभी नहीं भरता।
सभी ने कहा – सच है, सोलह आने,|
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लेकिन शादी के बाद माँ की रोटी कम ही मिलती है।
उन्होंने आगे कहा, – दूसरी रोटी पत्नी की होती है, जिसमें अपनापन और “समर्पण” का भाव होता है |
जिससे “पेट” और “मन” दोनों भर जाते हैं।
फिर तीसरी रोटी है किसकी है ? एक दोस्त ने सवाल पूछा।
“तीसरी रोटी “बहू” की होती है। जिसमें सिर्फ “कर्तव्य” का भाव होता है |
जो थोड़ा स्वाद भी दे देती है और पेट भी भर देती है |
“लेकिन यह चौथी रोटी कौन सी है? चुप्पी तोड़ते हुए कमाल जी ने पूछा |
“चौथी रोटी नौकरानी की होती है। जो न तो इंसान का पेट भरती है। न ही मन संतुष्ट होता है और “स्वाद” की भी कोई गारंटी नहीं होती है।
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इस पर एक दोस्त ने कहा — हाँ, यह तो हर घर की कहानी है , हमारे यहाँ भी खाना नौकरानी बनाती है |
फिर क्या करना चाहिए, दोस्त?
हमेशा माँ के प्रति कृतज्ञता की भावना रखे |
अपनी पत्नी को दोस्त बनाकर जीवन जिएं |
अपनी बहू को बेटी समझें और उसकी छोटी-मोटी गलतियों को नज़रअंदाज़ करें।
अगर बहू खुश रहेगी तो बेटा भी आप का ख्याल रखेगा।
अगर परिस्थिति चौथी रोटी पर ले आती है, तो भी आप निराश न हो बल्कि भगवान का शुक्रिया अदा करें कि उसने आपको जिंदा रखा है।
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और अब स्वाद पर ध्यान न दें, बस जीने के लिए कम खाएं ताकि बुढ़ापा आराम से कट सके। और कुछ नहीं तो आज के समय में वृद्धाश्रम भी एक विकल्प है |
सभी दोस्त अपने आप को भाग्यशाली समझ भगवान का शुक्रिया अदा कर रहे थे |
Categories: story
Excellent drawings!
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Good morning.
Have a nice day.
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Thank you so much, Dear.
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पढ़के अच्छा लगा, और दुख भी हुआ।
क्योंकि यही सत्य है ।
हमारे पास जब जो होता है, हमे उसकी कीमत समझनी चाहिए।
आज जो है, वो कल नहीं
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आपका यह विचार बहुत ही गहरा और सार्थक है।
जीवन में हमें हमारे पास जो भी है, उसकी महत्व समझना चाहिए, क्योंकि यही सत्य है कि
क्या पता कल हमें क्या मिलेगा। यह सोच हमें हर पल को अधिक समृद्ध करने के लिए प्रेरित करती है।
धन्यवाद आपका यह अनमोल विचार साझा करने के लिए।
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सुंदर और प्रेरक।
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बहुत बहुत धन्यवाद |
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Beautiful story! Everything the taste of roti can be changed but there is no option without accepting it. Well shared.👌 It’s all about our emotions which related to our close persons.
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Thank you for your thoughtful reflection.
Indeed, the story beautifully highlights the importance of acceptance and
how our emotions are intertwined with our relationships with loved ones.
It reminds us that sometimes, acceptance is the only option, even if we can’t change certain circumstances.
It’s a powerful message about resilience and understanding in the face of life’s challenges. 🙏
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💐
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Thank you so much, Priti for your visit.
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