# साल नया : यादें पुरानी #

आपकी आँखों में सजे हैं जो भी सपने,

और दिल में छुपी हैं जो भी अभिलाषाएं,

यह नया वर्ष उन्हें सच कर जाए,

आपके लिए यही है हमारी शुभकामनाएं !

नव वर्ष 2024 की शुभकामनाएं !

दोस्तों, नया साल फिर आ गया है | पिछले साल कुछ विपरीत परिस्थियों के कारण कुछ परेशानी भी रही, फिर भी साल ठीक ठाक गुज़र गया। लेकिन पुरानी  यादों का सिलसिला जैसे रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है | कुछ पुराने दिनों में बिताये गए लम्हे हमेशा के लिए मानस पटल पर अंकित हो जाते है | आइये आज उसी याद को फिर ताजा करते हैं …

जी हाँ, वो ज़माना था 1975 का, वो जमाना था रेडियो और ट्रांजिस्टर का | मैं उन दिनों रांची में रहता था और नए नए कॉलेज में दाखिला लिया था |

उस ज़माने में मनोरंजन के लिए दो ही मुख्य साधन हुआ करते थे .. सिनेमा हॉल में फिल्म देखना या रेडियो, ट्रांजिस्टर में गाने सुनकर मनोरंजन करना |

एक ओर जहां साइंस लगातार दुनिया को बदल रही है तो दुसरी तरफ  कई ऐसे पुराने  टेक्नोलॉजी है जो लुप्त हो रहे है |  रेडियो उनमें से एक है |  लेकिन स्मार्टफोन, टीवी, कंप्यूटर व इंटरनेट की दुनिया में आज भी रेडियो की जगह कोई नहीं ले सकता है |  

तकनीक के इस तूफान में भी रेडियो का दीया जल रहा है | अब तो मोबाइल फोन में भी रेडियो सुनने की सुविधा आ गयी है जिससे रेडियो को एक नया जीवन मिल गया है | आज भी मरफी और फिलिप्स हमें याद आते है |

उन दिनों संयोग से मुझे एक ट्रांजिस्टर मिल गया था .. ब्रांड था टेलिफंकन (TELEFUNKEN), वैसे उन दिनों मरफी (murphy) और फिलिप्स (Philips) का बोलबाला था | लेकिन मेरे पास तो छोटा सा ट्रांजिस्टर था जिससे मैं क्रिकेट कमेंटरी सुनता और “ बिनाका गीत माला ” में  अमीन सयानी की आवाज का लुफ्त उठता था |

 क्रिकेट मैच के तो क्या कहने | जसदेव सिंह की कमेंटरी  मुझे बहुत अच्छी लगती थी |

हालाँकि मुझे यह जान कर दुःख हुआ कि वे अब इस दुनिया में नहीं रहे | वे  आकाशवाणी के मशहूर क्रिकेट कमेंटेटर थे | इसके अलावा उन्होंने नौ ओलिंपिक , छः एशियाई खेलों और अनगिनत बार स्वतंत्रता दिवस / गणतंत्र दिवस  प्रसारण का आँखों देखा हाल सुनाया था |

 बात मेरे स्टूडेंट के जमाने की है , तब , मैं अपने किताबों के साथ ट्रांजिस्टर हाथ में लेकर कमेंटरी सुनता हुआ पैदल ही कॉलेज चला जाता था | क्रिकेट कमेंटरी सुनता हुआ तीन किलोमेटरर का रास्ता  कैसे कट जाता था पता ही नहीं चलता था | आज जितना धोनी प्रिय है ,उस जमाने में फारुख इंजिनियर मेरे पसंदीदा कीपर और गावस्कर बैट्समैन थे |

लेकिन मेरे घर पर हमारे बड़े भाई के द्वारा मुझे ट्रांज़िस्टर सुनने की सख्त मनाही की गयी थी क्योंकि उससे मेरे  पढ़ाई पर असर पड़ रहा था | लेकिन मैं सबों से छुप कर रात में छत पर सोता और इत्मीनान से गाने सुनता था | कभी कभी गाना सुनते हुए मुझे नींद लग जाती थी | जब आधी रात को नींद खुलती तो पता चलता कि ट्रांजिस्टर तो ऑन ही है | फिर उसे बंद करता |

सचमुच उस समय का दौर रेडियो का दौर था | यही लोगों के मनोरंजन का मुख्य  साधन था  | उन दिनों न टीवी था, न मोबाइल और न ही  सोशल मीडिया था | इसलिये लोग घर में कुछ रखें न रखें रेडियो ज़रूर रखते थे | 

ये वो समय था जब लोगों के मनोरंजन के लिये रेडियो पर कई प्रोग्राम आते थे | इन्हीं प्रोग्राम में से एशिया का लोकप्रिय कार्यक्रम ‘बिनाका गीत माला‘ भी था |  शो के होस्ट अमीन सयानी थे, जिन्होंने अपनी मनमोहक आवाज़ से सबका दिल जीत लिया था | मुझे यह कार्यक्रम बेहद पसंद था और मैं किसी भी कीमत पर इसे सुनने से  चुकता नहीं था |  

यही वजह थी कि रात 8 बजे से लेकर 9 बजे तक मैं अपने प्यारे  ट्रांजिस्टर से चिपके रहता था | 

आज ये शो भले ही बंद हो गया, पर अमीन सयानी की आवाज़ और उनके भाइयों और बहनों बोलने का अंदाज़ आज भी कानों में गूंजता हैं |  

अभी कुछ दिनों पहले मुझे सोशल मीडिया से पता चला कि  उनकी मृत्यु हो गयी है, तो मुझे दुःख हुआ था  | लेकिन आज उनके बारे में यह पता चला कि यह खबर झूठी थी और वे आज भी  जिंदा है |

जी हाँ,आवाज की दुनिया के फनकार कहे जाने वाले अमीन सयानी आज अपना 91 वां बर्थडे मना रहे हैं। उनका जन्म 21 दिसंबर, 1932 को मुंबई में हुआ था।और वे अब 91 बरस के हो गए है तो मुझे बहुत ख़ुशी हुई है  | इसलिए आज यहाँ चर्चा करने की इच्छा हुई |

बहुत कम लोग जानते हैं कि अमीन सयानी हिन्दी, अंग्रेजी और उर्दू के साथ गुजराती भाषा पर भी अपनी मजबूत पकड़ रखते हैं | किसी ने उनसे पूछा कि आगे की उनकी इच्छा क्या है ?  तो उन्होंने कहा —  मैं आत्म कथा लिखना चाहता हूँ | उस  पुस्तक का नाम होगा ‘माय लाइफ– गार्लेंड ऑफ़ सांग्स’.(मेरा जीवन -गीतों की माला) | जिसमें उनके  ‘बिनाका गीतमाला’ की झलक होगी |

इस उम्र में भी कुछ न कुछ करने का जज्बा काबिले तारीफ़ है | हालांकि वे  थोड़ा आशंकित भी है कि बढ़ती उम्र और सेहत से जुड़ी समस्याओं के चलते यह सपना पूरा कर पायेंगे या नहीं |

 लेकिन हम सभी दुआ करते है कि आवाज़ की दुनिया के बादशाह अमीन सयानी सेहतमंद रहें, और भी लम्बी उम्र पायें |  साथ ही अपनी ज़िन्दगी के इस ख्वाब को भी वह जल्द से जल्द पूरा कर सकें |  अमीन सयानी साहब  का 21 दिसम्बर को जन्मदिन था  | आपको जन्म दिन पर बहुत बहुत शुभकामनाएं और बधाई |

Unveiling My Soul: “मेरी कलम से”

A Symphony of Emotions. First of all, I want to wish you a Happy New Year filled with joy and happiness.   My Dear friends. Today marks a momentous occasion as we dive into the vibrant world of Hindi poetry with the … Continue readingUnveiling My Soul: “मेरी कलम से”



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20 replies

  1. 💛

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  2. Great pictures, especially the one of a younger you.

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    • Thank you so much for your appreciation.
      I’m glad you enjoyed the pictures, especially the one from my younger days.
      Each photo holds a piece of memories and experiences.
      Memories have a way of sparking interesting conversations! 📷✨

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  3. Greetings .y friend.

    💓❤️💚🫂

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  4. अतिसुन्दर वर्णन 👌

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    • It sounds like you’re reminiscing about some cherished memories.
      It’s always wonderful to reflect on the good times we’ve had.
      If you’d like, feel free to share more about those days, and
      we can journey back together through the nostalgia.

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      • I am very nostalgic about the past. At 92 I remember my college days and friends in Germany. Some friends, who are still alive, I am in regular touch with them. Godhas given me a GREAT life. I will certainly share with you whatever may be of our commmon interest. GOD BLESS.

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        • Your reminiscences of your college days in Germany sound truly wonderful.
          It’s incredible that you still maintain connections with some of your friends from that time.
          I am happy to know that you’ve lived a remarkable life filled with cherished memories and meaningful relationships.
          I’m deeply honored that you’re willing to share more about your experiences with me.
          I look forward to hearing more about your journey and sharing in your stories.
          May God continue to bless you abundantly.

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