
हां , यह बात बहुत हद तक सही है कि हम आज के समय में बनावटी एवं दिखावे का जीवन जी रहे है। हालांकि इस बात को स्वीकार करने से लोग झिझकते है, लेकिन मन ही मन इस बात को स्वीकार करते है कि दुनिया की रेस बने रहने के लिए दिखावा ज़रूरी है, वरना लोग वो सम्मान नहीं देते जिसकी वो चाहत रखते है |
दिखावटी जीवन को छोड़कर असल जिंदगी में जीना सीखे तभी आपको सच्ची खुशी मिलेगी। सच्ची मुस्कान आपको उन बच्चों में अवश्य मिलेगी जो दिखावटी जीवन से बहुत दूर हैं।
ज़िंदगी की जद्दोजहद के बीच इन्हीं भावनाओं को दर्शाता एक आम आदमी की विवशता है यह कविता
मुश्किलों से गुज़रता आम आदमी
बनावटी जीवन जीने को मजबूर है आम आदमी
आज के जमाने में अजीब हो गया है आम आदमी
ज़िंदगी में अनेकों जद्दोजहद से जूझता है फिर भी
साख बचाने को बस दिखावा करता है आम आदमी }
जब झूठ और फरेब से गुज़रता है आम आदमी
ज़िंदा होते हुए भी मर जाता है आम आदमी
क्यों जमा करने की जद्दोजहद में लगा है आदमी
कुछ भी साथ नहीं जाएगा , यह जानता है आदमी
नाउम्मीद और तिरस्कार जब अपनों से पाता है
तब रोता है बिलखता है, बिखरता है आदमी
भ्रम टूट जाता है और खुदा याद आता है
जिस वक्त मुश्किलों से गुजरता है आदमी |
एक दिन जाना तो सभी को है खुदा के पास
खुदा से नहीं, यहाँ आदमी से डरता है आदमी
कुछ इस तरह के हालात हो गए है दोस्तों
आज प्रेम का मतलब ही भूल गया है आदमी |
(विजय वर्मा)

पहले की ब्लॉग हेतु नीचे link पर click करे..
BE HAPPY….BE ACTIVE….BE FOCUSED….BE ALIVE…
If you enjoyed this post, please like, follow, share, and comments
Please follow the blog on social media … visit my website to click below.
Categories: kavita
Beautiful post ✍️
LikeLiked by 1 person
Thank you so much, dear.
LikeLiked by 1 person
Welcome 🙏
LikeLiked by 1 person
Stay happy and blessed.
LikeLike
Bahut badhiya kavita.
LikeLiked by 1 person
Thank you so much, dear.
LikeLike