# एक अनमोल रिश्ता #

यह कविता एक प्यार के इज़हार का अद्वितीय और जीवंत रूप है, जिसमें कवि अपने प्यार के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त करता हैं।

यह कविता प्यार और समर्पण की गहरी भावनाओं का प्रतीक है, एक अनमोल रिश्ता को महसूस करता है |

एक अनमोल रिश्ता

वो सपनों के राजा

तुम मेरे दिल में हो,

मेरी आत्मा में हो,

तुम मेरे जीवन का हिस्सा हो,

तुम मेरी खुशी हो।

तुम्हारे बिना मैं अधूरा हूँ,

 तुम्हारे बिना मैं कुछ नहीं हूँ,

 तुम मेरे लिए सब कुछ हो,

तुम ही मेरी दुनिया हो।

तुम मेरे लिए रोशनी हो,

तुम मेरे लिए उम्मीद हो,

तुम मेरे लिए प्यार हो,

तुम मेरे लिए सब कुछ हो।

मैं तुम्हारे बिना रह नहीं  सकता,

मैं तुम्हारे बिना जी नहीं सकता,

तुम मेरे जीवन का आधार हो,

तुम मेरे लिए मेरा संसार हो ।

(विजय वर्मा)

BE HAPPY….BE ACTIVE….BE FOCUSED….BE ALIVE…

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