#वो नन्ही चिड़ियाँ #

यह एक भावुक कविता है | इसमें कवि ने पक्षियों के प्रति अपने प्रेम और सम्मान को व्यक्त किया है। वह पक्षियों के मधुर स्वर, रंग-बिरंगे पंखों और चंचलता से बहुत प्रभावित है। वह पक्षियों की स्वतंत्रता से भी प्रेरित है।

कवि पक्षियों को अपने दोस्त मानता है और उनके साथ समय बिताना चाहता है।

वो नन्ही चिड़ियाँ,

मुझसे दोस्ती करोगे?

मैं तुम्हारा साथ निभाऊंगा,

तुम मेरे साथ उड़ोगे?

तुम्हारे मधुर स्वर से,

मेरा मन पुलकित हो जाता है,

तुम्हारे रंग-बिरंगे पंखों से,

मेरा मन मोहित हो जाता है।

तुम्हारी चंचलता को देख,

मेरे मन में उल्लास भर जाता है,

तुम्हारी स्वतंत्रता को देख,

मेरा मन प्रेरित हो जाता है।

तो आओ,

हम दोस्त बनें,

और एक वादा करें,

 अपने छोटे प्रयास से,

इस दुनिया को स्वर्ग बनाएँ,

अपनी मधुर स्वर से,

प्रेम संदेश फैलाएँ।

(विजय वर्मा)

BE HAPPY….BE ACTIVE….BE FOCUSED….BE ALIVE…

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8 replies

  1. सुन्दर और प्रेरक |
    प्यारी सी भी |

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  2. अच्छी कविता।

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