मन का शांत रहना भाग्य है ,
मन का वश में रहना सौभाग्य है ,
मन से किसी को याद करना अहो भाग्य है ,
मन से कोई आपको याद करे , परम सौभाग्य है …

बात उन दिनों की है जब मैं स्टेट बैंक ऑफ़ बीकानेर एंड जयपुर में ज्वाइन किया था | जी हां, उन दिनों हमारी पोस्टिंग शिवगंज, राजस्थान में थी | घर से करीब २२०० किलोमीटर दूर और साल था १९८५ .
मैं पूरी तरह से चुस्त – दुरुस्त और अपने काम के प्रति लगन और जोश से भरा हुआ था | मैं वहाँ Rural Development Officer के पद पर कार्यरत था | मेरा मुख्य कार्य उस एरिया के किसानो को ऋण मुहैया करना और किस्तों की उगाही करना था |
उन दिनों राजस्थान में भीषण अकाल पड़ रहा था और खेती के लिए पानी की बहुत कमी थी | मैं ने वहाँ की भयावह अकाल देखी हैं, पशुओं को पानी और चारे के बिना मरते देखा है | उसी समय से किसानो के प्रति हमारे मन में बहुत सहानुभूति है |
मैंने किसानो के साथ मिलकर बहुत सारे Irrigation Project
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बहुत ही अच्छी
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कहानी या व्हिस्की ?😊😊
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Good
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Thanks for your words of appreciation..
Stay connected and Stay happy..
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