प्रार्थना और विश्वास दोनों अदृश्य हैं ,
परन्तु दोनों में इतनी ताक़त है कि
नामुमकिन को मुमकिन बना देता है …

किसी ने सच ही कहा है कि अक्ल बादाम खाने से नहीं आती, अक्ल आती है ठोकरे खाने से | जी हां दोस्तों , आज मैं यहाँ कुछ अपनी गलतियों का जिक्र करना चाहता हूँ जिसे मैंने अपनी ज़िन्दगी में किये है |
यह सच है कि मनुष्य गलतियों का पुतला है और अपनी गलतियों से कुछ ना कुछ सीखता है | ज़िन्दगी में आगे बढ़ने के लिए समय समय पर फैसले लेने पड़ते है और कुछ फैसले गलत भी होते है |
,लेकिन एक इंसान जो अपनी गलतियों से नहीं सीखता वो मुर्ख कहलाता है और जो अपनी गलतियों से सीख लेता है वो बुद्धिमान कहलाता है | और जो दुसरो की गलतियों से सीख लेता है वो तो अति बुद्धिमान कहलाता है |
मैंने भी ज़िन्दगी में बहुत सारी गलतियाँ की है / जिसका पछतावा आज तक होता है | यहाँ उनमे से कुछ गलतियों का ज़िक्र करना…
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Bahut Sahi kaha aapne
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बहुत बहुत धन्यवाद…
मैंने जीवन के कुछ अनुभव शेयर किये है |
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