
रोज की तरह आज भी सुबह 5.00 बजे नींद से जगा , और Morning Walk के लिए तैयार हो गया / थोड़ी थोड़ी ठंडक थी सुबह की हवाओं में / बसंत का आगमन हो चूका था और मौसम इतना खुशनुमा था कि आज सुबह की सैर में पास के खेतो की तरफ निकल गया /
कितना खुशनुमा दृश्य था , सरसों के खिले पीले पीले फुल कि चादर बहुत खुशनुमा दृश्य प्रस्तुत कर रहे थे / चारो तरफ उत्सव सा माहोल लग रहा था / पास में केले का भी बागन था जिसमे केले के फूल मनोरम लग रहे थे और बागन के चारो तरफ हरियाली बिखेर रहे थे / यहाँ आकर जीवन सरस लगने लगा /
कुछ पल के लिए अपने सारी चिंताएं भूल गया / पास में आम के पेड़ पर बैठी कोयल कुक रही थी / मैं भूल गया अपने चेहरे की झुर्रियां , कमर के दर्द, और अपनों के द्वारा दिया हुआ बहुत सारा तकलीफ / जी हाँ ,हम सब के जीवन में भी कुछ पल ऐसे आने चाहिए ,जहाँ खुशयां ही खुशियाँ महसूस हो ,ना अतीत का दुःख सताए और ना भविष्य की चिंताएं सताए / मन में सिर्फ आनंद ही आनंद की अनुभूति हो /
यह तभी संभव है जब हम अपने आपको कुछ पल के लिए ही सही, प्रकृति के हवाले कर दें और बदलते मौसम का लुफ्त ले और कुछ इस तरह दिल के पन्नो पे लिखे ………

चलो एक बार फिर
चलो फिर एक बार
चलते है मानवता की दुनिया में
खिलते है सतरंगी फूल जहाँ
महकता है केसर वहाँ
गुनगुनाता हो भौरे जहाँ
और लहराती हो फसलें वहाँ
कल–कल करती झरना बहती
पल-पल “ज़िन्दगी” जीने को कहती
चलो फिर एक बार ..
नए परिवेश का स्वर्ग बनायें
सुंदर जीवन का जश्न मनाएं…
….विजय वर्मा ...

BE HAPPY… BE ACTIVE … BE FOCUSED ….. BE ALIVE,,
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thank you ,i promise I will improve my writing in the coming days..
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Very nice
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thank you
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