# कभी तो पधारो बिहार में #

दोस्तों.

मैं बिहारी हूँ और बिहार पर मुझे गर्व है और हो भी क्यों ना |  बिहार के बारे में ऐसी बहुत सारी बातें है जिन्हें जान कर हर बिहारी अपने को गौरवान्वित महसूस करता है |

 सन 1912  में अंग्रेजों के शासन काल में बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग कर बिहार राज्य का गठन किया गया था |

पुनः 1935 में बिहार का विभाजन हुआ और उड़ीसा राज्य बना और बिहार का दूसरा विभाजन 15 नवम्बर 2000 में हुआ और झारखंड राज्य का निर्माण हुआ |

  • इस पावन भूमि पर सम्राट जरासंध, अजातशत्रु, बिम्बिसार, चन्द्रगुप्त मौर्या, सम्राट अशोक, जैसे महान राजाओं ने राज किया, जिनका नाम इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है |
  • चूंकि इस क्षेत्र में बौद्ध विहारों की संख्या अधिक थी अतः यह इलाका विहार शब्द से प्रसिद्ध हुआ और आगे चल कर राज्य का नाम भी विहार रखा गया |   जिसे कालांतर में विहार से बिहार कहा जाने लगा। बिहार का उल्लेख बौद्ध और जैन धर्म शस्त्रों में भी मिलता है।
  • प्राचीन काल में बिहार को “मगध” के नाम से भी जाना जाता था | जिसकी राजधानी राजगृह (राजगीर) थी | कुछ समय के बाद राजधानी पाटलीपुत्र बना जिसे आज पटना के नाम से जाना जाता है |
  • बिहार की चौहदी की बात करें तो ….. उत्तर में नेपाल, दक्षिण में झारखंड , पूरब में बंगाल और पश्चिम में उत्तर प्रदेश  है |
  • बिहार का सबसे बड़ा शहर पटना है और पटना बिहार की राजधानी है,  
    बिहार के अंतर्गत कुल ३८ जिलें है | यहाँ की  बहुत सारी क्षेत्रीय भाषाएँ हैं, जिसमे प्रमुख है …भोजपुरी … मगही… मैथली … ब्रज ..और…अंगिका | लेकिन मुख्य भाषा हिंदी है | 

आइये बिहार के बारे में कुछ और जाने ….

  • रामायण के अनुसार माता सीता का जन्म भी बिहार के सितामढ़ी जिले में हुआ था | जहाँ जनकपुर का प्रसिद्ध  मंदिर  स्थित है |
  • महाभारत में वर्णित अंगराज कर्ण को भी बिहार से जोड़कर देखा जाता है । कहते हैं कि अंगराज कर्ण बिहार में ही स्थित अंग देश के राजा थे । भागलपुर,  बांका  मुंगेर,  खगड़िया, बेगूसराय व उसके आस-पास का जिला अंगदेश का हिस्सा था।

    मुंगेर का कर्णचौड़ा बहुत ही प्रसिद्ध स्थल है, ऐसी मान्यता है कि अंगराज कर्ण गंगा स्नान के बाद यही से नित्य दान किया करते थे।
    आज भी बिहार के इस भु-भाग की भाषा अंगिका हैं । इस क्षेत्र के लोग बोलचाल में अंगिका का ही प्रयोग करते हैं।
  • बिहार में ही जैन धर्म के 24 वें तीर्थकंर भगवान महावीर का जन्म एवं परनिर्वाण दोनों हुआ और बौद्ध धर्म  की उत्पत्ति भी यही हुई |
  • सिख धर्म के दसवें गुरु श्री गुरु गोविन्द सिंह  का जन्म भी पटना, बिहार में हुआ था |
  • बिहार के सासाराम शहर के शेरशाह सूरी ने हुमायूँ को हरा कर दिल्ली के तख़्त पर कब्ज़ा किया और कुछ  समय तक पुरे भारत पर राज्य किया |
    शेरशाह  सूरी ने मात्र 5 साल के अपने शासन काल में अनेकों काम किए । उन्होंने कलकत्ता से पेशावर (पाकिस्तान) तक ग्रांड ट्रंक रोड का निर्माण कराया।
  • बिहार में बहुत सारे धार्मिक विभूतियाँ और विद्वान लोग हुए है इसमें सबसे ऊपर नाम है  “मंडन मिश्र” और उनकी पत्नी का, जिन्होंने शंकराचार्य को शास्त्रार्थ (शास्त्रीय बहस) में हराया था |

    इसके अलावा मैथिली भाषा के महान  कवि विद्यापति.. जिनकी कविताएँ और रचनाएँ  आज भी अमर है उनको भी हम भुला नहीं सकते |


और गोनू झा को कैसे हम भूल सकते है.. जो बुद्धिमान और चतुर के साथ साथ हाज़िर जवाबी भी थे | वे भी मिथिला (बिहार) के ही रहने वाले है | ..

वैसे तो इन विभूतियों की लम्बी  लिस्ट है ,..जिनमें प्रमुख है ….श्री  नामधारी सिंह दिनकर, बाबा नागार्जुन , फणीश्वर नाथ रेनू, शिव पूजन सहाय आदि है |

  • इसके अलावा भोजपुरी कवि, लोक नर्तक और नाटककार “भिखारी ठाकुर” को हम लोग कभी भूल नहीं  सकते है , जिनके द्वारा रचित और मंचित  भोजपुरी नाटकों ने बिहार में एक नयी क्रांति की शुरुआत की थी |
  • विश्व का प्राचीनतम और प्रथम गणतंत्र  लिच्छवी गणतंत्र है जो बिहार राज्य में ही था |
  • चाणक्य जो  अर्थशास्त्र  के जनक कहे जाते है, वे भी बिहार से ही थे |
  • यह भूमि है आर्य भट्ट की, जिन्होंने दुनिया को शून्य का ज्ञान दिया। जिन्होंने सबसे पहले बताया कि धरती अपनी  अक्ष पर चारों तरफ घूमती है।
  • गोलघर का निर्माण भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल वॉरेन हेस्टिंग के समय में हुआ। लेकिन गोलघर हमेशा से एतिहासिक धरोहर के रूप में पटना को गौरान्वित करती रही है। पटना का गोलघर ब्रिटिश भारत में अंग्रेजों द्वारा निर्मित एक एतिहासिक स्थल है।

    अनाज के भंडारण के लिए गोल ढांचे का निर्माण साल 1786 में बनकर तैयार हो गया |गोलघर में 1,40,000 टन अनाज रखने की क्षमता है |अपने भव्य ऊंचाई के कारण इसका स्थान पटना की सबसे प्रसिद्ध स्मारक में है।
  • नालंदा विश्वविद्यालय दुनिया का सबसे प्राचीन  विश्वविद्यालय है | यहाँ पर ईरान, कोरिया, जापान, चीन, श्रीलंका जैसे दुनिया के कोने कोने से लोग शिक्षा ग्रहण करने आते थे |

    यहाँ का पुस्तकालय भी दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तकालय था | लेकिन बख्तियार  खिलज़ी ने इसमें आग लगवा दिया था |
    ऐसा सुना जाता है कि यहाँ इतने किताबों का भण्डार था कि ये पुस्तकें तीन महीने तक इस आग में जलते रहे थे |

 सन 1857  के “सिपाही विद्रोह” में भी बिहार के सुपूतों ने प्रमुख भूमिका निभाई और अंग्रेजों के दांत खट्टे किये थे |, इसमें 80 साल की उम्र में बीर कुंवर सिंह जी ने अंग्रेजों से लोहा लिया था |

  • गाँधी जी ने अपना पहला सत्याग्रह आन्दोलन बिहार के चंपारण  से ही शुरू किया था ..और इसी आन्दोलन ने उन्हें पुरे देश में महात्मा और बापू के रूप में प्रसिद्धि  दिलाई …
  • स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति “डॉ राजेंद्र प्रसाद” बिहार के ही है  | ..
  • सम्पूर्ण क्रांति के प्रणेता,  लोक नायक जय प्रकाश नारायण  की कर्म भूमि भी बिहार ही है |.
    .  
  • बिहार ने अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक “आई ए एस”.. “आई पी एस” ऑफिसर दिया है ..|
  •  प्राचीन काल में बिहार  वाणिज्य और व्यापार का केंद्र था |
  • विज्ञान और गणित के मामले में भी बिहार के लोग अव्वल रहे है जिसमें सबसे मशहूर नाम है श्री वशिष्ठ नारायण सिंह का . .इन्होंने आइंस्टीन के सिद्धांत को चुनौती दिया था | उनका निधन करीब साल भर पहले हो गया है  |
  • इसके अलावा वर्तमान में एक गणितज्ञ श्री आनंद कुमार  का नाम पुरे देश और विदेश में मशहूर हुआ है | उनपर एक फिल्म भी बनाई गयी है |
  • लोक  आस्था का पर्व छठ पर्व  बिहार का मुख्य पर्व है जिसमें हर एक  आदमी बिना किसी पंडित या पुजारी की सहायता के खुद भगवान की आराधना करता है |
    इस पूजा में  उपयोग होने वाली सारी सामग्री  हमारे बाग़ – बगीचे और खेतों खलिहानों से प्राप्त होती है …और इसमें बिना किसी भेद भाव के सच्चे मन और शुद्ध वातावरण में किसी नदी और तालाब के किनारे इकट्ठा होकर पहले डूबते सूर्य को और फिर उगते हुए सूर्य की पूजा करते है

 यहाँ का एक विशेष व्यंजन लिट्टी चोखा  का अगर जिक्र ना करूँ तो हमारा यह ब्लॉग अधूरा सा लगेगा | जी हाँ, यहाँ का लिट्टी चोखा आज सारे दुनिया में मशहूर है |

बिहार आने वाले लोग इस व्यंजन का जरूर लुफ्त उठाते है | इसके अलावा मनेर का लड्डू, सिलाव का खाजा, गया का तिलकुट और  मुजफ्फरपुर का लीची भी काफी प्रसिद्ध है |

इस तरह हम देखते है  कि बिहारी के लोग हर क्षेत्र में आगे है और देश की सेवा और विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहे है …

कभी तो पधारो बिहार में, 

कुछ दिन तो गुज़ारो बिहार  में’।

जय बिहार… जय भारत 

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8 replies

  1. 🩵

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  2. Great facts

    Learned something new today

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  3. Nice blog on Bihar and Biharis.

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