# दीपावली की शुभकामनाएं # 

दीप जलते जगमगाते रहें

हम आपको आप हमें याद आते रहें

जब तक ज़िन्दगी है, दुआ है हमारी

आप यूँही दियें की तरह जगमगाते रहे..

प्रत्येक वर्ष हम सब दीपावली त्यौहार का इंतज़ार करते हैं। दिवाली प्रत्येक भारतीय के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार होता है।

सभी लोग काफी पहले से ही दीपावली की तैयारियां करने में जुट जाते हैं। दीपावली के त्यौहार में सबसे पहले घर की सफाई, पुताई, होती है फिर घर की सजावट की जाती है |

यह त्यौहार खासकर घर के बच्चों के लिए बहुत ही ख़ुशी वाला होता है |  बच्चों को इस मौके पर  बम – पटाखे, फुलझड़ियाँ और साथ ही मिठाइयां खाने को मिलते हैं |

इस मौके पर हमारे  बचपन में घटी एक  घटना  की याद आ रही है | उन दिनों दीपावली के एक सप्ताह पहले से ही हम दोस्तों के साथ पटाका औए फुलझरियां चलते लगते थे | उसी क्रम में एक दिन हमलोग 7 – 8 दोस्त मिलकर अनार जला रहे थे |

हमलोग अनार में आग लगा कर दूर भागते थे और फिर उसके जलने पर  उस प्रकाश से हम बच्चे खूब खुश होते थे और उसके चारो तरफ डांस करते थे | एक बार एक अनार आग लगाने पर नहीं जला तो मैं उसे खराब समझ कर हाथ में लेकर दूर फेकने वाला ही था  कि वह अचानक हाथ में ही फट गया | बहुर जोर की आवाज़ हुई और मैं डर गया | हाथ में बहुत तेज़ जलन हुई लेकिन उससे ज्यादा इस बात से परेशान था कि जब घर जायेंगे तो इस बात के लिए बहुत मार पड़ेगी |

सभी दोस्त परेशान थे कि अब क्या किया जाए ? तभी मेरा दोस्त किशोर को एक आईडिया सुझा और वह  ज़ल्दी से अपने घर गया और दवात का पूरा सयाही (उन दिनों कलम दवात का प्रचालन था ) लाकर मेरे हाथ के जले  हुए भाग पर लगाया | जलन से कुछ आराम तो हुआ | थोड़ी देर बाद रोते रोते मैं अपने  घर पहुँचा | जिसका डर था वही हुआ | मेरे  घाव पर मलहम  लगाने की जगह मेरी अच्छी तरह कुटाई हो गयी |

वैसे तो दीपावली का त्यौहार खुशियाँ बांटने का त्यौहार है लेकिन मेरी उस दिवाली पर मुझे देह का दर्द  मिला था | आज  जब भी कोई बच्चा पटाखा जलाता है तो मुझे अपना वो बचपन के दिन याद आ जाते  है |

मुझे बचपन में हमेशा जिज्ञासा रहती थी कि दीपावली मनाने का कारण क्या है ..कोई कहता था कि राम जी बनवास से वापस आये थे, लेकिन कोई और भी कारण बतलाता था | आज मैं यहाँ दीपावली  मनाने के संभावित कारणों को जानने की कोशिश कर रहा हूँ ……

दीपावली मनाने के पीछे कई अलग अलग मान्यताएं हैं | इसी के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में इसे मनाने के तरीकों में भी भिन्नता पाई जाती  है |

ऐसा माना जाता है कि जब भगवान राम ने  रावण को मार कर  और 14 वर्ष का बनवास पूरा कर अयोध्या नगरी लौटे थे, तो इस ख़ुशी में नगर वासियों ने सारे नगर को रोशनी से सजाया   था और इसी उपलक्ष्य में हर साल इसी दिन को दिवाली के त्यौहार के मनाने का प्रचालन का शुरू हुआ |

दीपावली के एक  दिन पहले भगवान् श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था और इस तरह उस अत्याचारी नरकासुर से वहाँ के लोग निजात पायी थी |  इसी खुशी में अगले दिन अमावस्या को गोकुल वासियों ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थी |

राक्षकों का वध करने के बाद भी जब महाकाली का क्रोध कम नहीं हुआ तब भगवान शिव स्वयं उनके चरणों में लेट गए थे | भगवान् शिव के शरीर स्पर्श  मात्र से ही देवी महाकाली का क्रोध समाप्त हो गया |   इसी की याद में उनके शांत रूप  लक्ष्मी की पूजा की शुरुआत हुई |  इसी  रात इनके रौद्र रूप काली की पूजा का भी विधान है |

 पौराणिक ग्रंथों के अनुसार दीपावली के दिन माता लक्ष्मी दूध के सागर जिसे केसर सागर के नाम से जाना जाता है,  से उत्पन्न हुई थी | साथ ही समुद्र मंथन से आरोग्य देव धन्वन्तरी   और भगवान कुबेर भी प्रकट हुए थे |

इस अवसर पर अपने सभी मित्रों को दीपावली की  हार्दिक बधाई और और शुभकामनाएं |

आज के दिन हम सब मिल कर  खुशियाँ मनाय्रे लेकिन यह भी  ध्यान रखना चाहिए कि हमारे वातावरण पर इसका दुष्प्रभाव नहीं पड़े  क्योकि आज कल पटाखों और चाइनीज़ सजावट के सामानों का प्रचालन है |

इससे न सिर्फ हमारे वातावरण दूषित होते है बल्कि गाँव और छोटे – छोटे  कस्बों में दिए बनाने वाले और   सजावट के सामान बनाने वाले की रोज़ी – रोटी भी मारी जाती है |  .साथ ही पटाखों के कारण कई जगह दुर्घटनाएं भी होती है |  घरों में आग भी लगता है और कई लोगों के लिए दीपावली  ख़ुशी का कारण नहीं बल्कि दुःख का कारण बन जाता है | ..

हाँ एक बात और, दीपावली  की ख़ुशी और बढ़ जाएगी जब आप अपनी खुशियाँ दूसरों में बांटे,  गरीबो और ज़रूरत मंदों की मदद करें | उनके अँधेरे घरों में दीपक जला कर उसे रोशन करने का प्रयास करें |

दीए की रोशनी से

सब अन्धेरा दूर हो जाए

दुआ है कि आप जो चाहो

वो सब खुशी मंज़ूर हो जाए

दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ |

BE HAPPY….BE ACTIVE….BE FOCUSED….BE ALIVE…

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2 replies

  1. Happy Diwali to all.

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