# सात अजूबे हमारे बिहार में # 

दोस्तों,

वैसे तो दुनिया के सात अजूबों के बारे में हम सभी जानते है | आज हम बिहार राज्य में स्थित सात अजूबों की बात करना चाहते है |

बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है | इस धरती पर विंदीसार आज़ाद शत्रु , मगध वंश का पहला शासक ,नंद वंश के महापद्म नन्द  जैसे बुद्धिमान और महा पराक्रमी  राजा हुए | इनका नाम इतिहास के सुनहरे अक्षरों  में लिखा गया है |

बिहार महात्मा बुद्ध और 24 जैन तीर्थकारो की कर्मभूमि रही है,  इसलिए बिहार का उल्लेख वेद, पुराण और प्राचीन महाकाव्यों में भी मिलता है। हिंदू पुराणों के अनुसार माता जानकी यानी सीता माता का जन्म भी बिहार में हुआ था और बिहार में ही भगवान राम और माता सीता का मिलन भी हुआ था।

इसके अलावा बिहार से ही बुद्ध और जैन धर्म की उत्पत्ति हुई थी इसी राज्य में भगवान बुद्ध और भगवान महावीर का जन्म भी हुआ था। इतना ही नहीं सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह का जन्म भी बिहार की राजधानी पटना में ही हुआ था।

हम बिहारी है और  हमे गर्व है कि हमारे  बिहार की धरती ने हमेशा वसुधैव कुंटुंबकम का पालन किया है। एक ओर जहां सांस्कृतिक विरासत समेटे हुए है, वहीं इसके पास इतनी एतिहासिक खजाने हैं जिसके बारे मे अभी तक ठीक ठीक पता नहीं लगाया जा सका है |

आइये बिहार के इस महान हस्तियों , धरोहर और एतिहासिक स्थानो के बारे में चर्चा  करते है ॥

वैशाली की नगरवधू

वैशाली की नगरवधू, जिसके सौन्दर्य की दुनिया थी दीवानी | वैशाली जितना लोकतंत्र की जन्मस्थली होने के लिए प्रसिद्ध है उतना ही नगर वधू आम्रपाली के लिए भी चर्चित है ।  कहा जाता है कि आम्रपाली इतनी सुंदर थी कि उसे वेश्या बनना पड़ा। वह बहुत अच्छी नृत्यांगना भी थी। 

वह दिखने में बहुत खूबसूरत थी | उसकी आंखें बड़ी-बड़ी और काया आकर्षक थी | जो भी उसे देखता था वह अपनी नजरें उस पर से हटा नहीं पाता था |

लेकिन उसकी यही खूबसूरती उसके लिए श्राप बन गया |

एक आम लड़की की तरह आम्रपाली भी खुशी खुशी अपना जीवन  जीना चाहती थी लेकिन ऐसा हो नहीं सका |

वह तो अपने भीतर के दर्द को कभी बयां भी नहीं कर पाई और अंत में वही हुआ जो उसकी नियति में लिखा हुआ था |

भारतीय इतिहास की सबसे खूबसूरत महिला जो आम्रपाली  के नाम से विख्यात थी और जिसे अपनी खूबसूरती की कीमत नगरबधू बन कर चुकानी पड़ी | वह किसी की पत्नी तो नहीं बन सकी लेकिन संपूर्ण नगर की नगर वधू जरूर बन गई |

नगर वधू का अर्थ होता है संपूर्ण नगर वासियों की पत्नी |  नगर के प्रतिष्ठित लोगों के द्वारा वह नगर वधू चुनी गई थी |

आम्रपाली नाच गाने के द्वारा लोगों का मन बहलाया करती थी |  उसका मुख्य काम  राजाओं मंत्रियों और बड़े लोगों को खुश रखना होता था |

आम्रपाली ने अपने लिए यह नगर वधू का जीवन स्वयं नहीं चुना था बल्कि वैशाली में शांति बनाए रखने, गणराज्य की अखंडता बरकरार रखने के लिए किसी एक की पत्नी न बन कर उसने अपने आप को वैशाली नगर को सौंप दिया था  |

 उसने सालों तक वैशाली के धनवान लोगों का मनोरंजन किया लेकिन जब वह तथागत बुद्ध के संपर्क में आई तो सब कुछ  छोड़कर बौद्ध भिक्षुणी बन गई |

स्थानीय लोगों का दावा है कि आज भी वैशाली के खंडहरों  से घुंघरू की झनकार सुनाई देती है।

पटना का अगमकुंआ

बिहार की राजधानी पटना के गुलज़ारबाग रेलवे स्टेशन के पास ही प्राचीन अगम कुआं  स्थित है | इस कुँए का निर्माण चक्रवर्ती सम्राट अशोक मौर्य (304-232 ईसा पूर्व) की अवधि तक की थी |

सन 1890 के दशक में ब्रिटिश खोजकर्ता लॉरेंस वेडेल ने पाटलिपुत्र के खंडहरों को ढूंढते हुए ‘अगम कुआं’ की खोज की थी | इसमे बहुत सारे रहस्य छिपे हुये है |

इनहोने इस बात का खुलासा किया कि सैकड़ों साल पहले जो कोई भी शासक पटना आता था, सबसे पहले सोने और चांदी के सिक्के इस कुएं में डालता था |

ऐसा भी कहा जाता है कि जब कोई चोर-डकैत अपने काम में सफ़ल होता था तो वो इस कुएं में कुछ पैसे डाल देता था. क्योंकि जब लॉरेंस वाडेल इस कुएं के पास पहुंचे थे तो उन्हें वहां कई मूर्तियां मिली थीं |. 

सम्राट अशोक के द्वारा बनाए गए इस कुएं के रहस्य को जानने की अब तक तीन बार कोशिशें की जा चुकी हैं | सबसे पहले 1932 में, दूसरी बार 1962 में जबकि तीसरी बार 1995 में, मगर आज भी ये एक पहेली बना हुआ है. 

इस रहस्यमयी कुएं के बारे में कहा जाता है कि देश में कई बार भयंकर सूखा पड़ने के बावजूद इसका पानी कभी नहीं सूखा, बल्कि इसके पानी में बढ़ोतरी ही हुई | इस कुएं की एक और ख़ासियत ये है कि इसके पानी का रंग बदलता रहता है | गर्मियों में इसके पानी का स्तर  अपने सामान्य स्तर से सिर्फ एक से डेढ़ फ़ीट नीचे जाता है. वहीं, बारिश के दिनों में पानी का स्तर सामान्य से सिर्फ एक से डेढ़ फ़ीट तक ऊपर आता है |. 

इस रहस्यमयी कुएं के बारे कहा जाता है कि सम्राट अशोक ने अपने 99 सौतेले भाइयों की हत्या कर उनकी लाशें इसी कुएं में डलवाई थीं |  कहा जाता है कि अशोक ने ‘अगम कुएं’ को अपने दुश्मनों की हत्या कर लाश फेंकने के लिए ही बनवाया था | अशोक के समय भारत आए चीनी दार्शनिकों ने अपनी किताबों में इस कुएं का जिक्र भी कुछ इसी रूप में किया है | 

यह एक ऐसा  गहरा कुंआ है जिस की गहराई का कोई अंत नहीं है । इसीलिए इसका नाम “अगम कुआं” रखा गया था |  इस कुंए का पानी कभी नहीं सूखता । वहीं, दूसरी ओर यह भी कहा जाता है कि इस कुंआ में सम्राट अशोक का खजाना छुपा है।

इस कुएं के पानी  कभी न सूखने के पीछे ये तर्क दिया जाता है कि यह अंदर ही अंदर  पश्चिम बंगाल स्थित गंगा सागर से जुड़ा है | एक बार एक अंग्रेज़ की छड़ी गंगा सागर में गिर गई थी जो बहते-बहते पाटलिपुत्र स्थित इस अगम कुआं के ऊपर आकर तैर रही थी |  आज भी वो छड़ी कोलकाता के म्यूजियम में रखी हुई है |

अगम कुएं का धार्मिक महत्व भी है

‘अगम कुआं’ लोगों की आस्था का केन्द्र भी है | इस प्राचीन कुएं के प्रांगण में ही शीतला देवी का मंदिर भी है | यहाँ रोज भक्त गण पूजा करने और मन्नत मान कर अपनी समस्याओं को दूर करने आते हैं | इस कुएं का पानी पवित्र माना जाता है |

लोग इसका इस्तेमाल कुष्ठ रोग, चिकन पॉक्स जैसी बीमारियों को दूर करने के लिए करते हैं | शीतला माता की पूजा के लिए इसी कुएं के जल का इस्तेमाल किया जाता है.|

(शेष अगले एपिसोड में)

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10 replies

  1. बहुत अच्छा।

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  2. Mr. Verma ! Your article on Bihar is good and readable . But you have painted ‘Amprapali’ as a Prostitute is quite unacceptable . In this respect, I have made a very nice , vivid , historical , comparative , academic analysis of Prostitutions in the Ancient INDIA in my article “The Status of Prostitute —A Case Study of Ancient INDIA’ in my blog “WORLD CIVILIZATIONS AND INDIA, (PART -194)” .Please read it if possible . I am also sending this Article on your WhatsUp platform . Read my earlier 15 Articles on Bihar under title ‘HISTORY , MYSTERY AND MONASTERIES OF BIHAR’ published on the WordPress under ARBIND KUMAR BLOG last year . Many things you have missed/left about Bihar . Read them all and , if you wish , include them to make this article complete . Anyway, your article is not bad , rather good , by adding so your can make them more palatable . Thanks !

    Suggested Readings :
    1. ‘BIHAR’ by Ram Chandra Prasad , published by NATIONAL BOOK TRUST , INDIA , NEW DELHI , (1992 ed.) ;
    2. ‘IMAGE OF PATNA’ , published by GOVERNMENT OF BIHAR , (1971 Ed.)
    3. ‘PATNA IN 19TH CENTURY’ by Surendra Gopal ;
    4. ‘PATNA’ by General S.K. Sinha .
    5. ‘VAISHALI KI NAGARVADHU’ by Acharya Chaturshen published by RAJPAL , New Delhi (1966 Ed.)

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  3. 🖤

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