# मेरा ही अक्स है #

कभी – कभी ऐसा महसूस होता है कि  बाहर चारों तरफ खुशियाँ है पर मेरे अंदर नहीं | मेरा मन हमेशा किसी न किसी बात से आहत  होता रहता है | ऐसा क्यों होता है, पता नहीं |

मैं तो खुश होना चाहता हूँ  फिर भी उदासी आ जाती है | कुछ तो है जो अंदर ही अंदर खाए जाती है |शायद  इसीलिए मेरा मन हमेशा तनहाइयों में  भटकता रहता है |  कुछ शब्दों को लिख कर मन को शांत करने की कोशिश है यह कविता |

भूरी आँखों वाली “वो”

जब भी मुझे प्यार से देखती है

उसकी मुस्कान मेरी दुनिया रौशन कर देती है |

काले बालों वाली “वो”  

जब खिलखिलाती है ,

मेरे कानों में मृदंग बजने की ध्वनि सुनाई देती है |

घुंघराले बालों वाली “वो”

 जब भी रोती है,

उसके दिल में सिसकता दर्द, मुझको उदास कर देती है |

मुस्कान बिखेरने वाली “वो”,

जब सुनी निगाहों से आसमान को घूरती है .

 बादलों के बीच भूचाल सा पैदा कर देती है |

कजरारे आंखों वाली “वो”

जब रूढ़िवादी भावनाओं से घायल होती है

मेरे दिलो – दिमाग में हल चल सी पैदा कर देती है |

खुशबू बिखेरने वाली “वो”

जब लोगों के खंजर से घायल होती है

तब, मेरा मन विद्रोही बन जाता है

क्योंकि “वो” और कोई नहीं, मेरा ही अक्स होता है |

पहले की ब्लॉग  हेतु  नीचे link पर click करे..

BE HAPPY….BE ACTIVE….BE FOCUSED….BE ALIVE…

If you enjoyed this post, please like, follow, share, and comments

Please follow the blog on social media … visit my website to click below.

        www.retiredkalam.com



Categories: kavita

17 replies

  1. सुंदर कविता !!
    कृपया ऐसे ही शेयर करते रहे

    Liked by 1 person

  2. जब खिलखिलाती है ,

    मेरे कानों में मृदंग बजने की ध्वनि सुनाई देती है |

    Kitna Touching lines h ye❤❤❤❤❤
    Superbbb Uncle ✨✨✨✨✨✨✨✨

    Liked by 2 people

  3. अच्छी कविता।

    Liked by 1 person

  4. अरविन्द's avatar

    बहुत अच्छा।
    जब शब्द निकलते हैं
    तो मन में तरंग उठता है

    Liked by 1 person

  5. Bahut sundar dil ka Kavita.

    Liked by 1 person

  6. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    Good evening

    Like

Leave a reply to अरविन्द Cancel reply