खूबी और खामी दोनों होती है इंसान में …
जो तराशता है उसे खूबी नज़र आती है ,
और जो तलाशता है उसे खामी नज़र आती है ..

आज सुबह सो कर उठा तो मेरा मन बहुत घबरा रहा था | काका के बिना अकेले इस घर में बिलकुल भी मन नहीं लग रहा था | रात में भी सामने चाय की दुकान के पास कुत्ता रो रहा था | लोग कहते है कि कुता का रोना अपशकुन होता है |
इस लॉक डाउन में सब कुछ तो ऐसी की तैसी हो रखी है | भगवान् अब और कितने बुरे दिन दिखाएंगे, पता नहीं |
मैं मन ही मन बोला और बेमन से बिस्तर को छोड़ कर सुबह की ताज़ी हवा के लिए झोपडी से बाहर कदम ही रखा था कि मुझे देख कर लोग मुँह पर रुमाल बाँध कर इधर उधर खिसकने लगे |
ऐसा लगा जैसे मैं कोई अछूत हूँ या प्रेत – आत्मा |
अजीब ज़िन्दगी हो गई है, भाई चारा तो जैसे समाप्त ही हो गया है | कोई किसी के पास नहीं जाता…
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भगवान हमें फिर कभी कोई बुरे दिन नहीं दिखाएंगे क्योंकि उन्हें भी पता है कि हमने बहुत कुछ सहा है, वह जल्द ही हमें हमारी खुशी वापस दे देंगे और चीजें पहले की तरह हो जाएंगी।
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Thank you very much…
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आपने बहुत ही मार्मिक कहानी 🙏 लिखी है मैंनें सारे 18हिस्से एक बार में पढ़ डालें
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बहुत बहुत धन्यवाद |
आपके सहराना से हमें प्रेरणा मिलती है |
आप स्वस्थ रहें…खुश रहें…
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