एक माटी का दीया है जो सारी रात अंधियारे से लड़ता है ..
तू तो भगवान का दीया है तू किस बात से डरता है ,
हथेली पर रख कर नसीब तू क्यों अपना मुकद्दर ढूंढता है
सीख उस समंदर से जो टकराने के लिए पत्थर ढूंढता है…

दिल की किताब में गुलाब उनका था
रात की नींद में ख्वाब उनका था
कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा ..
मर जायेंगे तुम्हारे बिना ये ज़बाब उनका था ..
अनामिका ने अपने आँसुओं को किसी तरह से काबू में किया और अपने पिता जी के आंसू पोछने लगी | साथ ही उन्हें यह एहसास भी दिलाया कि उसने उनकी सारी गलतियों को माफ़ कर दिया है ताकि उनके दिल पर किसी तरह का बोझ ना रहे |
थोड़ी देर के बाद वह भी अपने बिस्तर पर सोने चली गई | लेकिन उसे नींद नहीं आ रही थी उसके मन में अभी भी तरह तरह के प्रश्न उठ रहे थे | मैंने तो पिताजी को माफ़ कर दिया, क्योकि जिन्होंने मुझे ज़िन्दगी दी है उन्हें मुझसे ज़िन्दगी लेने का हक़ तो है ही |
शायद मेरी किस्मत में ही संघर्ष लिखा है | लोग सही कहते है कि ..समय…
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Bahut khoob 👌👌
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बहुत बहुत धन्यवाद /
आप पूरी कहानी पढ़े , मुझे ख़ुशी होगी |
आप स्वस्थ रहें, खुश रहें..
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