# चिंता नहीं ..चिंतन करें #

आज के दौड़ में हमारे लिए एक सीमा से अधिक तनाव (stress) लेना नुकसानदायक साबित हो सकता है, जिसका असर ना केवल हमारे स्वास्थ  पर पड़ता है बल्कि हमारे सगे – सम्बंधियों  पर भी पड़ता है |

पर  राहत की बात यह है कि यदि हम थोड़ी सावधानी बरते, तो हम अपने स्ट्रेस (stress) को एक सीमा से अधिक बढ़ने और इसे नुकसानदेह होने से रोक सकते है |

किसी ने सही कहा है कि चिंता करने से स्ट्रेस ( stress) बढ़ता है और चिंता करने की कोई सीमा नहीं है |  लेकिन इसके विपरीत अगर हम चिंतन करें तो अपने स्ट्रेस ( stress) के कारणों का निदान कर अपने स्ट्रेस (stress) को ख़तम कर सकते है ..या नहीं तो बहुत हद तक हम इसे नियंत्रित कर सकते है …

यह कथन सही है कि हर समस्या का समाधान संभव है बशर्ते कि हम उस समस्या को पहले सही ढंग से समझे और फिर उसका निदान ईमानदारी से सोचें …

बिलकुल सही है …, चिंतन का  मतलब है कि समस्या के बारे में सोच सोच कर चिंता करने के बजाये उसका समाधान खोजना  चाहिए | हर समस्या का समाधान है , बस उस पर  चिंतन करने की ज़रुरत है |

अगर हम नीचे दिए गए बिन्दुओं पर विचार करें और उस तरीकों को अपनाएँ तो हम चिंता या स्ट्रेस (Stress) को आसानी से नियंत्रित कर सकते  है :

  • सकारात्मक सोच रखना- 

लोग ठीक ही कहते है कि जब तक हमारी साँसे है समस्या आते ही रहेंगी | हमारे भीतर  उन समस्याओं के कारण नकारात्मक सोच जन्म ले लेती है और हम अपने आप को  ज़िन्दगी से हारे हुए महसूस करते है |

अगर हम  समस्या से  डर कर भागने की जगह अपनी सकारात्मक सोच से उस पर चिंतन करें …एक तो इसका समाधान भी ढूंढ पाएंगे और दुसरे अपने स्ट्रेस (stress) को सही ढंग से नियंत्रित भी कर पायेंगे |

अतः सकारात्मक सोच रखना एक कारगर उपाय साबित हो सकता है।

  • अपनी कमज़ोरियों को स्वीकार करना – 

जितना हमारी अपनी क्षमताओं को पहचानना जरूरी है उतनी ही जरूरी अपनी कमज़ोरियों को भी स्वीकार करना है।
अगर हम अपनी कमजोरियों को सच्चे मन से स्वीकार करते है तो उस पर नियंत्रण करने के उपाय भी हमें चिंतन के द्वारा मिल जायेगा | ऐसा करने से हम बेहतर तरीके से काम कर सकते हैं और स्ट्रेस (Stress) जैसी समस्याओं से बच सकते हैं।

  • योगा या एक्सराइज़ करना – 

इस बात से हम सारे लोग वाकिफ है कि योगा और व्यायाम ना केवल सेहत के लिए फायदेमंद है बल्कि तनाव एवं अवसाद से मुक्ति के लिए यह राम-वाण इलाज़ की तरह है |

इस सम्बन्ध में मैंने अपने ब्लॉग  ”तनाव से मुक्ति “ में इसका जिक्र किया है, जिसका लिंक नीचे दिया जा रहा है .. एक बार अवश्य पढ़े…

https://wp.me/pbyD2R-21E

यदि हमलोग  हर रोज़ योगा या एक्सराइज़ करते  है,  तो चिंता या  स्ट्रेस जैसी समस्याओं के होने की संभावना काफी कम रहती है।

दिमाग बिलकुल शांत रहता है, जिससे हम सही समय पर और सही  निर्णय लेकर समस्याओं का निदान कर पाते है |
इस प्रकार हम पाते है कि  योग और व्यायाम से चिंता और  स्ट्रेस की रोकथाम में बहुत मदद मिलती है ।

  • हेल्थी डाइट अपनाना-  

यह कहावत बिलकुल सही है कि “जैसा अन्न … वैसा मन“ |

 हमारे खान-पान का असर हमारी सेहत पर काफी गहरा पड़ता है, और चिंता और तनाव से मुक्ति के लिए स्वस्थ रहना ज़रूरी है ।

इसलिए हमें हेल्थी डाइट अपनानी चाहिए ताकि हमारा मस्तिष्क स्ट्रेस को काबू करने में सफल हो सके ।

  • दोस्तों या परिवार के साथ अधिक-से-अधिक समय बीताना

चिंता या स्ट्रेस (Stress) जैसी मानसिक रोग मुख्य रूप से अकेलेपन के कारण भी होते है | हम अकेले में रहने के कारण नकारात्मक विचारों से घिर जाते है और चिंता और स्ट्रेस (stress) के शिकार हो जाते है |

 इसी कारण, हमें अपने दोस्तों या परिवार के साथ अधिक-से-अधिक समय बीताना चाहिए ताकि  हमारे मन में नकारात्मक विचार न आये ।

हमारे समाज की यह कड़वी सच्चाई है कि यहां पर चिंता और स्ट्रेस (stress) के कारण उपजे मानसिक रोग को तबज्जो नहीं दिया जाता है, बल्कि इसे भम्र या नाटक कहकर मज़ाक उड़ाया  जाता है।
हमलोगों के इसी गलत धरना या रवैये की वजह से काफी लोगों को असहनीय दुख से गुजरना पड़ता है।


ऐसा स्ट्रेस या तनाव के साथ भी देखने को मिलता है और इसे व्यक्ति की कमज़ोरी से जोड़कर देखा जाता है।
इसके बावजूद, राहत की बात यह है कि अब यह तस्वीर काफी हद तक बदल रही है |

विश्व स्तर पर लोगों में स्ट्रेस (stress ) को लेकर जागरूकता को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है और लोगों का ध्यान इस ओर आकृष्ट हो रहा है … क्योंकि आज कल हम इस  चिंता या स्ट्रेस (stress) को समझने लगे है और इसके साथ अपना सामंजस्य बिठाने  की कोशिश कर रहे है |

इसके अलावा, हमें भी अपने स्तर से  स्ट्रेस (stress) से जुड़ी जानकारी आपस में शेयर करना चाहिए  ताकि उनका  इलाज सही वक़्त पर और  सही तरीके से संभव हो सके |  

और अंत में मैं यह उम्मीद तो कर ही सकता हूँ कि इस लेख को पढने के बाद आप सबों  का स्ट्रेस (Stress) या तनाव के प्रति नज़रिया बदलेगा और हम सब मिल जुल कर इसके खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे और जीतेंगे भी …

पिछला ब्लॉग  ..”अधूरे अहसास “ हेतु नीचे link पर click करे..

https://wp.me/pbyD2R-1W6

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Categories: motivational

14 replies

  1. Beautiful tips for health and stress free life

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  2. Nice and simple tips to reduce stress and lead a healthy life.

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  3. जितनी भी तारीफ करूं कम है

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  4. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    Talk to yourself once in a day, otherwise
    you may miss meeting an intelligent person in this world..

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