# दोस्तों की महफ़िल #

चलो आज फ्रेंडशिप डे मनाते है , दोस्ती की परिभाषा ढूंढते है |

कहते है कि मुहब्बत और दोस्ती ये दो चीज़ है जो हर तूफान का मुकाबला कर सकती है, परन्तु एक चीज़ है जो इनको टुकड़े टुकड़े कर सकती है तो वह  है ग़लतफ़हमी |

सच्चा दोस्त अगर रूठ जाए तो उसे बार बार मनाओ | हीरे की माला टूट भी जाए तो वो हीरा ही रहता है उसकी कीमत कम नहीं होती |

अपने दोस्तों को अच्छी नसीहत करते रहो, चाहे उसे अच्छा लगे या बुरा | वक़्त की दोस्ती तो हर कोई करता है , पर मजा तो तब है जब वक़्त बदल जाए पर दोस्त ना बदले |

सही दोस्त उस वक़्त आपके पास आता है जब सारी दुनिया आप को छोड़ चुकी होती है | दोस्त को तरक्की करते देखो तो फक्र से कहो कि वो मेरा दोस्त है और जब दोस्त को मुसीबत में देखो तो अपना सीना तान के कहो मैं इसका दोस्त हूँ |

दोस्त बनकर भी साथ नहीं निभाने वाला, वही अंदाज़ है ज़ालिम का ज़माने वाला |

दोस्त वह है जो दोस्ती का हक़ उसकी गैर मौजूदगी में भी अदा करे और गैरो की महफ़िल में उसकी इज्जत और मक़ाम की हिफाजत करे |

दोस्ती और मुहब्बत उससे करो जो निभाना जानते हो | नफरत उनसे करो जो भुलाना जानते हो और गुस्सा उससे करो जो मनाना जानते हो |

मुफलिस और अच्छे दोस्त फूलों की तरह होते है अगर हम अपनी मुहब्बत का पानी देते रहे तो सदा हरे भरे रहते है और उसकी खुशबु हम तक पहुँचते रहते है /

जो शख्स तुम्हारा गुस्सा बर्दास्त कर ले और दोस्ती नहीं डगमगाए, तो वही तुम्हारा सच्चा दोस्त है |

दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो स्नेह और विश्वास पर खड़ा रहता है | इसे ग़लतफ़हमी का शिकार नहीं होने दे | आज कल सच्चा दोस्त या सच्चा प्यार करने वाला बड़ी मुश्किल से मिलता है | यह रिश्ता तो ऐसा होता है कि अजनबी होकर भी अपनों से भी ज्यादा प्यार और  स्नेह की मिसाल पेश करता है |

एक दोस्त ने दुसरे दोस्त से कहा — दोस्त का मतलब क्या होता है ?

,दोस्त ने मुस्कुरा कर कहा. — . पागल, एक दोस्त ही तो है जिसमे कोई मतलब नहीं होता | जहाँ मतलब हो वहाँ दोस्ती नहीं हो सकती |

दोस्त हो या परिंदा दोनों को आजाद छोड़ दो | अगर वह लौट आया तो तुम्हारा और ना लौट कर आया तो समझो वो तुम्हारा दोस्त कभी था ही नहीं | जो दिल को अच्छा लगता है उसी को दोस्त कहता हूँ |

दोस्तों  के काम आते रहिये, क्योंकि कुदरत का एक उसूल है कि जिस कुएं से लोग पानी पीते रहे वो कभी सूखता नहीं है …

दोस्तों को याद करते है …. चलो कुछ गुनगुनाते है ….

दूर भागती खुशियों को बाज की तरह झपट कर

अपने पंजे में समेट लेना ….चाहत हो जिसकी,

कौन भूल सकता है……..उस खुश मिजाज को…..

आंसुओं को हँस कर पी लेना… आदत हो जिसकी..

कौन  भूल सकता है…..उस तेज़ जाबांज को  ….

करता दिलों पे राज़…चुम्बकीये व्यक्तित्व जिसकी 

कौन भूल सकता है …उस रंगबाज  को

उस मीठे रसीले कंटीले मित्र को

क्यूँ ना कहे प्रेम से एकबार .

.तुम सदा खुश रहो मेरे यार ……,

सदा मुस्कुराते रहो मेरे यार….

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Categories: kavita

3 replies

  1. Your quotes really inspired us.
    Its really a heart touching,it gives us immense level of satisfaction and happiness after reading.
    And i started believing that life is not only taking anything it also means to give something.
    I hope your words will inspire so many and touch the hearts of many more..!!

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  2. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    जब भी सुलझाना चाहा ज़िन्दगी के सवालों को मैंने ,
    हर एक सवाल में ज़िन्दगी मेरी उलझती चली गयी |

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