
आज यह ब्लॉग लिखने का एक मुख्य कारण यह है कि आज जब मोर्निंग वाक कर रहा था तो अचानक मांगी चंद जैन जी दिख गए | वे वाल्किंग ट्रैक के एक तरफ गुमसुम सा बैठे हुए थे | उनकी उम्र ९६ वर्ष हो गयी है, लेकिन हमेशा उनके चेहरे पर मुस्कान रहती थी | लेकिन आज वे बहुत दुखी नज़र आ रहे थे और आँखों में आँसू लिए पार्क के एक एक किनारे गुमसुम बैठे हुए थे |
हमने उनके परेशानी का कारण पूछा तो उन्होंने कुछ झिझक के साथ अपने मन की बात कह दी | उनकी बातें सुन कर मैं सकते में आ गया |
उनका एक ही बेटा है, और वे अपने बेटे – बहु के साथ ही रहते है | उन्होंने अपनी सारी ज़िन्दगी की कमाई बेटे को दे दी है | यहाँ तक कि जिस फ्लैट में वे बेटे के पास रहते है उसके लिए भी पैसे उन्होंने ही दिए थे |
संघर्ष का नाम ज़िन्दगी
वे बताते हैं कि उनका जीवन काफी संघर्ष से भरा रहा | वे एक प्राइवेट फर्म में नौकरी कर अपने परिवार की ठीक से परवरिश किया और अपने बेटे का अच्छी शिक्षा का इंतज़ाम किया | इतना ही नहीं अपने छोटी सी तनख्वाह से कुछ पैसे बचा कर अपने गाँव में कुछ ज़मीन भी खरीदी थी | वे अपनी पत्नी के साथ मिल कर उसे फार्म हाउस बनाया | मेरी पत्नी को बागवानी का बहुत शौक था | उन्होंने तरह तरह के पेड़ पौधे लगा कर उसे बहुत सुन्दर फार्म हाउस बना दिया |

संयोग से आज उस फार्म हाउस की कीमत बहुत बढ़ गयी है | मेरी बहु ने उसे बेच कर पैसे की डिमांड कर दी है | उस फार्म हाउस से मुझे बहुत लगाव है, मेरी पत्नी की यादें उससे जुडी हुई है | इसलिए हम उसे बेचना नहीं चाहते है | हम तो चाहते हैं कि अपने गाँव में ही रहें और खुद के द्वारा बनाये गए फार्म हाउस में रह कर उसका आनंद लें |
लेकिन अकेले वहाँ रहना संभव नहीं है | मेरी पत्नी दो साल पहले गुज़र चुकी है | लेकिन उसके द्वारा लगाए गेट विभिन्न प्रकार के पेड़ उसकी याद दिलाते रहती है |
मांगी ला जी ने बताया कि वैसे बेटे के पास पैसों की कमी नहीं है | फिर भी बेटे – बहु का लालच बढ़ता ही जा रहा है | अब वे लोग मुझे तरह तरह से परेशान करते रहते है ताकि मैं फार्म हाउस को बेच कर उन्हें पैसे दे दूँ | खराब खाना देना, बात बात पर झगडा करना, अपने पोते से दूर रखना | इन सब बातों से मेरा मन बहुत दुखी रहता है | वैसे भी मेरी उम्र इतनी हो गयी है कि मैं किसी दिन भी इस दुनिया को अलविदा कह सकता हूँ |
लेकिन मैं चाहता हूँ, कि जितना दिन भी जिंदा रहूँ, ख़ुशी पूर्वक रहूँ | लोग मुझसे अच्छा से व्यहार करे, मुझसे प्यार करें | लेकिन आज मेरे अपनों के व्यावहार से मन दुखी रहता है और लोगों के बीच रहते हुए भी अकेलापन महसूस करता हूँ |
बुढ़ापा एक समस्या है
वैसे तो बुढापा अपने आप में खुद एक बहुत बड़ी समस्या है | शरीर साथ छोड़ने लगता है, याददाश्त और सहनशक्ति लगातार घटती जाती है | तरह तरह की बीमारियाँ घेर लेती हैं | बहुत से दैनिक कामों के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है |
हालाँकि, इन सब तकलीफों को मांगी लाल जी सहन करते हुए जी रहे है |

लेकिन उनकी सबसे बड़ी समस्या है उनके अकेलेपन का अहसास | बच्चों के गलत व्यवहार के कारण उन्हें अपना घर ही पराया लगने लगा है | उन्हें लगता है कि, अब घर में उनकी कोई ज़रुरत नहीं रह गयी है | वे अपने को बहुत अधिक उपेक्षित, बीमार और असहाय महसूस करते है | इस सब मुसीबतों से घबरा कर वे दिन-रात ईश्वर से अपने मौत की प्रार्थना करते हैं | लेकिन मौत का वक्त तो ईश्वर ने तय कर रखा है |
दोस्तों, मैं एक विडियो प्रस्तुत कर रहा हूँ जिसमे मांगीलाल जी ने खुद अपनी दर्द को हमलोगों से साझा कर रहे है | आप ज़रूर देंखें और महसूस करेंगे कि बुढ़ापा का दर्द क्या होता है ?
बुजुर्गों के भावनाओं को आहत ना करें
मेरा मानना है कि छोटी-छोटी बातें हैं, जिनका ध्यान रखकर बहुत सी समस्याओं से बचा जा सकता है | परिवार के लोगों के मन में लालच का भाव इस कदर फ़ैल रहा है कि अपने बुजुर्गों के जीवन भर की कमाई छीन लेना चाहते है | उनके ऐसे ही व्यवहार के कारण बुजुर्गों के मन को ठेस पहुँचाता है |
उनके पास खाली समय बहुत होता है, लिहाजा वही बात उनके मन में सदा घूमते रहते है और वे तिल तिल मरते रहते है | उनको लगता है कि जिस बेटे को हमने कितनी तकलीफें से पाला-पोषा, आज वही मेरी भावनाओं की उपेक्षा कर रहा है | अब अपनों की शिकायत करे तो किस से करे ?

हालाकि अनेक परिवारों में बुजुर्गों का बहुत सम्मान भी होता है और उनकी देखभाल में कोई कसर नहीं रखी जाती, लेकिन ऐसे सौभाग्यशाली और सांस्कारिक परिवारों की संख्या कम ही देखने को मिलती है |
सौभाग्यशाली हैं वो लोग, जिनके घर में बुजुर्ग हैं | यह भी एक कटु सत्य है कि बुजुर्गों का महत्त्व उनके न रहने पर ही समझ आता है | अगर आप के घर में बुजुर्ग हैं तो कुछ समय बुजुर्गों के साथ भी अवश्य बिताएं |
वे लोग अभागे हैं जो यह कहते हैं कि, माता-पिता उनके साथ रहते हैं | सौभाग्यशाली वे हैं, जो कहते हैं कि हम माता-पिता के साथ रहते हैं | यह व्यक्ति की सोच को दर्शाता है |
बुजुर्गों को सहेज कर रखिये | उनके साथ अच्छा व्यवहार कीजिए | उनकी कोई बात आपको नागवार भी लगे, तो उसकी अनदेखी करें | वे अपने आशीषों से आपकी झोली भर देंगे |
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प्रेरणात्मक विचार 👌👌
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जी, बहुत बहुत आभार , सर जी |
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सर आप हैं ,,जी,, मैं तो आपका अनुज हूं,,,🙏🙏
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लेकिन लेखनी मे आप हमसे ऊपर है |😊😊
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नही सर ,,आप श्रेष्ठ है,, मुझे शर्मिंदा मत कीजिए ❤️🙏
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नहीं नहीं, हम सब एक दूसरे का सहयोग करेंगे |
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🙏🙏
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Stay happy and stay blessed.
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💜
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Thank you so much.
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प्रेरक एवम शिक्षाप्रद।
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Thank you.
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प्रेरक और शिक्षाप्रद आलेख।
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Thank you.
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Inspirational read, thanks.
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Thank you so much.💕
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Ni
Budapa ek ahsas he!!
This is completely new life.
In this life, people have wisdom and they need to pass it on.
This is a cycle
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