# वो काली रात #

आज मेरे शादी की ३९ वाँ सालगिरह है | मैंने  रात में ही आज के दिन भर का कार्यक्रम बना लिया था | सुबह – सुबह  हम दोनों को मंदिर जाना था ताकि भगवान् को एक बार फिर से धन्यवाद अर्पित कर सकूँ |

सुबह उठकर मोर्निंग वाक के लिए तैयार हो रहा था और सोच रहा था कि पास के मंदिर में भगवान् के दर्शन कर लूँगा , वर्ना भगवान् भी सोचेगें कि इस कोरोना काल में मेरे  पास आना जाना ही भूल गया |

सच ही तो है,  मैं हमेशा खास कर ऐसे मौकों पर काली घाट जाकर माँ काली के दर्शन ज़रूर करता था | लेकिन पिछले दो सालों से कोरोना के कारण घर से ही नहीं निकल सका तो माँ के दर्शन कैसे कर पाता |

लेकिन आज घर के पास वाले एक मंदिर में ही दर्शन करने का विचार था | मैंने पत्नी की ओर देखा तो उन्होंने कहा — घर में बच्चे अभी सो रहे है, उन्हें अकेला छोड़ कर कैसे जा सकते है | आप ही जाकर दर्शन कर आइये और दूकान से लड्डू लेते आइयेगा | मैं घर पर ही भगवान् की पूजा अर्चना कर भगवान् को भोग लगा दूंगी |

Life is short, Don’t miss a day

खैर मैं मोर्निंग वाक के साथ साथ मंदिर में भी हाजरी  बजा आया |

घर पहुँचा तो मेरे छोटे बेटे का फ़ोन आया … पापा, happy marriage anniversary ..

मैंने ने कहा …थैंक यू डिअर |

तो आज आप कैसे  मना (celebrate) कर रहे है | मैं तो दूर होने की वजह से आप सबों को  बहुत मिस कर रहा हूँ |

सही बात है, मैं भी तुम्हे  बहुत मिस करता हूँ – मैंने कहा |

खैर और बताइए कैसे मना रहे है शादी की सालगिरह ?..बेटे ने पूछा |

कोई खास नहीं करूँगा | तुम्हारे भैया भाभी और मेरी प्यारी पोती है ना, उसी के साथ शाम को केक काटूँगा | और घर में ही खुशियाँ मनाऊँगा | आज के इस कोरोनाकल में कही बाहर डिनर पर जाना उचित नहीं है |

It is remarkable how long we have tolerated each other.

वो तो ठीक है , पर आप मेरी मम्मी को गिफ्ट क्या दे रहे है | आपसे हम दोनों भाइयों की शिकायत रहती है कि आप मम्मी को ऐसे मौके पर गिफ्ट नहीं देते है |

एक बार दिया तो था,  तुम्हारे जनम होने से पहले | एक गले का हार दिया था | औरतों को गहना जेवर बहुत पसंद होता है | वो आज भी जब उसे पहनती है तो पहन कर  ख़ुशी का इज़हार करती है |

परन्तु आज क्या दे रहे है ?..बेटे ने फिर प्रश्न किया |

उसकी बातों को सुनकर मैं पिछली  यादों में खो गया | मुझे पत्नी के साथ बिताये गए पिछले ३९ सालों की  ज़िन्दगी के एक एक पल याद आने लगे |

इसी के साथ एक घटना भी जुडी हुई है जिसे कभी नहीं भूल  पाता हूँ | हमारा  शादी की सालगिरह आने वाला था और मैं मन ही मन प्रोग्राम बना रहा था कि इस बार अपनी पत्नी को क्या दूंगा ?

इस बार तो कुछ विशेष करना होगा क्योंकि एक नन्हा मेहमान जो बहुत जल्द हमारे घर का सदस्य बनने वाला था | हमदोनो बहुत खुश थे और आने वाले मेहमान के स्वागत की तैयारी कर रहे थे | हालाँकि ऐसे मौकों पर घर के बड़े – बुज़ुर्ग लोग साथ रहते है तो उनके देख रेख में प्रसूति का काम बिना चिंता  फिकर के हो जाता है |

You have made me a better person.

लेकिन घर से काफी दूर यह  परदेश (राजस्थान) में होने के कारण घर से कोई भी बड़े बुजुर्ग नहीं आ सके थे | लेकिन मेरे परोस में जो एक ठाकुर साहब (राजस्थानी परिवार) थे, वे लोग बहुत सहयोग करते थे , खास कर बुजुर्ग दम्पति तो हम दोनों को अपने  बच्चे की तरह समझते थे |

सब कुछ सही चल रहा था कि अचानक मेरे साथ  एक घटना  गयी |

मैं बैंक के मीटिंग के सिलसिले में जोनल ऑफिस उदयपुर गया हुआ था,| मीटिंग से निकलते हुए रात के आठ बज चुके थे | हमारे पास जीप थी इसलिए मैं तुरंत ही घर की ओर चल दिया | तीन चार घंटे का सफ़र था , इसलिए मैंने सोचा घर पर ही जाकर खाना खाऊंगा | आज बारिस भी लगातार हो रही थी | मैं उस आंधी तूफ़ान को झेलता किसी तरह रात के करीब 12 बजे अपने घर पहुँचा |

 लेकिन मेरे घर के बाहर ताला लटक रहा था | मैं घर बंद देख कर घबरा गया | घर में सिर्फ पत्नी और 5 साल का बेटा था | मेरी तो कुछ समझ नहीं आ रहा था , क्योंकि इतनी रात को मैं किस घर का दरवाज़ा खटखटा कर उन लोगों के बारे में पूछूँ |

मन में तरह तरह के बुरे ख्याल आ रहे थे | तभी मेरी जीप की आवाज़ सुनकर  परोस के वो ठाकुर साहब के घर का दरवाज़ा खुला | उन्होंने मुझे देख कर  धीरे से कहा –. चिंता की कोई बात नहीं है |  आपका बेटा मेरे पास है और अभी वो सो रहा है |

लेकिन मेरी पत्नी कहाँ  है ?  – मैंने चिंतित होते हुए पूछा |

तब उन्होंने बताया कि वो महावीर हॉस्पिटल में भर्ती  है और अब उनकी  हालत ठीक है | महावीर हॉस्पिटल 2 किलोमीटर की दुरी पर थी | इसलिए और कुछ न पूछते हुए मैं उसी जीप पर बैठ कर हॉस्पिटल की ओर चल पड़ा | मुझे अभी तक हॉस्पिटल में पत्नी के  भर्ती होने का कारण समझ में नहीं आ रहा था | उन दिनों मोबाइल का ज़माना नहीं था, इसलिए इस तरह की खबर की जानकारी समय पर नहीं हो पाती थी |

मैं 15 मिनट में ही वहाँ  पहुँच गया और तब डॉ से पता चला कि मेरी पत्नी को गर्भपात (abortion) हुआ है और वो आने वाला नन्हा अब नहीं रहा |

लेकिन एक अच्छी बात यह थी कि मैं वहाँ अकेला नहीं था , बल्कि इतनी रात में भी हमारे शाखा के सभी स्टाफ वहाँ मौजूद थे और मेरी पत्नी का operation से सम्बंधित सारे formality उनलोगों ने ही मेरी अनुपस्थिति में पूरे किये |

कुछ ही दिनों के बाद मेरी पत्नी ठीक हो कर घर आ गयी लेकिन जब भी शादी की साल गिरह आती है तो मेरे मन में वो घटना ताज़ी हो जाती है |

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Categories: मेरे संस्मरण

28 replies

  1. शादी के दिन की मुबारक हो। भगवान तुम दोनों को अच्छी सेहत और सुखी जीवन सदा के लिए दें। 🤝👏👏👏🎉💞🎂

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  2. मार्मिक घटना है पर हम कर भी क्या सकते है। बस अब खुश रहें सदा मुस्कुराते रहें। बहुत बहुत शुभकामनाएं आपको अंकल ✨❤🤗

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  3. शादी की सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏🌹

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  4. Happy Anniversary…stay healthy and safe…keep writing!!

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  5. Happy anniversary sir!! Best of wishes to you both!

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  6. Happy Anniversary to both of you 💕💕

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  7. Happy wedding anniversary to both of you. Stay blessed. Nicely decorated the subject and mentioned many things.

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  8. शादी की सालगिरह अनन्त शुभकामनाएं अखंड सौभाग्य और लम्बी आयु प्रभु आप को प्रदान करें 🙏

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  9. बहुत ही सुंदर, बहुत बहुत बधाई मित्र🙏

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  10. जोड़ी बनी रहे हमेशा 🌹🌹🌹🌹🌹

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  11. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    When you have a dream, you have got to grab it,
    and never let go.

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  12. इस बार गिफ्ट दीजिए, दुख झर जाएगा। जीवन में खुशियां रहें।

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  13. जी सही कहा |
    आपके शब्द के लिए बहुत बहुत आभार |

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