स्वस्थ रहना ज़रूरी है -21

दोस्तों,

स्वस्थ और सक्रिय जीवन के लिए हमें उचित और पर्याप्त पोशाक तत्वों की आवश्यकता होती है |भोजन में क्या लें और कब लें यह बहुत आवश्यक है | दही का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है | आज हम इसी विषय पर चर्चा करना चाहते है |

दही  के फायदे

दही एक सुपर फूड है | आयुर्वेद के अनुसार दही खाने वाले व्यक्ति की उम्र लंबी  होती है  लेकिन  दही को समय के अनुसार और सही तरीके से खाना होगा |

आयुर्वेद में दही (curd ) को अमृत माना गया है ,क्योंकि इसके अनगिनत फायदे है | आइये जानते है इसके विभिन्न फायदे और किन परिस्थितियों में नुकसान कर सकता है॥

  • दही में होता है calcium magnesium और Potassium जिसके कारण  हमारे दांतों और हड्डियों को मजबूती मिलती है |
  • जिस व्यक्ति को  अपना वज़न घटाना है  उसे  दही का सेवन अवश्य करना चाहिए | क्योंकि दही में मौजूद  कैल्सियम, विटामिन , पॉटेश्यम और मैग्नीशियम  हमारे शरीर में cortisol कम करने में मदद करती  है । जिससे हमारे शरीर का वजन कम करने में मदद मिलती है |
  • दही के सेवन के बाद हमारा पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करता है और हम ज्यादा मात्र में भोजन लेने से बच जाते है / यह calorie की मात्र को कम करके हमारे पेट को पतला रखने में मदद करता है |
  • दही सबसे अच्छा Pro Biotic फूड  में से एक है , इसमे मौजूद micro organism हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते है |
  • दही एक antioxidant  की तरह काम करता है | इसी कारण से हमारे शरीर की  immunity बढ़ता है |
  • दही में  lactose होता है जिससे  हमारी पाचन शक्ति सुदृढ़ होती है / ऐसे में जिन लोगों का digestion system कमजोर होता है, उनके लिए यह बेहद फायदेमंद है, क्योंकि दही को पचाना बहुत आसान होता है |
  • हमारे हृदय के लिए तो यह एक तरह का वरदान है | हर रोज़ दही का सेवन करने से हमारे शरीर में cholesterol कम होता है,  इससे Blood Pressure control  में रहता है और hypertension का खतरा  भी कम होता है |
  • दहो का सेवन से हमारे cholesterol की मात्र को संतुलित रखता है इससे हमारा हृदय स्वस्थ रहता है |
  • दही के सेवन से गठिया जैसे रोगों कभी नहीं होगा अगर  दही का सेवन सही तरीके से किया जाये | आइये जानते है दही खाने के सही तरीके ॥
  • दही में नमक नहीं मिलाना चाहिए | दही में नमक डालते ही वह जहर के समान हो जाता है |आयुर्वेद के अनुसार दही को  जीवाणुओं का घर कहते है , अगर हम  इस जीवाणुओं को जीवित  अवस्था में खाते है तो यह  हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद हो सकता है |

     लेकिन अगर आप इसमे एक भी  चुटकी नमक डालते है तो दही  में मौजूद सारे बैक्टीरिया मर जाते है | जी हाँ, नमक डालने के महज़ 60 सेकंड के अंदर दही में मौजूद सारे बैक्टीरिया मर जाते है | ऐसे में अगर हम  दही का सेवन करते है तो यह शरीर में कोई positive प्रभाव  नहीं डालता है , बल्कि यह slow poison का काम करता है | इसलिए दही में नमक की जगह मीठा यानी गुड का उपयोग किया जा सकता है |

दही के साथ क्या नहीं खायें

  • दही और प्याज़ कभी एक साथ नहीं लेना चाहिए  | क्योंकि खाद्य पदार्थ के रूप में दही के तासीर ठंडी होती है जबकि  प्याज़ शरीर  में गर्मी पैदा करता है | इस दोनों के साथ खाने से एलर्जि हो सकती है | खान पान में सर्द और गरम के combination से body की skin पर एलर्जि जैसे चकतते एक्ज़िमा सोरयसिस अन्य समस्याएँ हो सकती है | कहने का मतलब कि दोनों को साथ लेना पाचन के लिए सही  नहीं होगा |
  • दही के साथ तेल में तले हुए  खाद्य पदार्थों का सेवन digestion process को धीमा कर देता है | ऐसे में सारा दिन सुस्ती और थकावट महसूस होती है | यही कारण है कि जब हम छोले भटूरे खाने से साथ  दही से बनी एक गिलास लस्सी पी लेते हैं  तो हमें  सारा दिन सुस्ती और नींद आती रहती है |
  • दही का सेवन केवल सुबह नास्ता में और दोपहर का भोजन में किया जाए तो अति उत्तम होगा  | सूरज ढलने के बाद दही कभी नहीं खाना चाहिए | रात में दही खाने पर पाचन तंत्र मंद हो जाता है जिससे  हमारा digestion process slow हो जाता है |
    और शरीर की  वायु कुपित हो जाती है | फलस्वरूप हमारे  हाथ – पैर, सिर, कमर या शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द की समस्या हो सकती है |
  • बाज़ार का लाया हुआ दही कभी सेवन ना करें , बल्कि घर में जमाया हुआ ताज़े दही का ही सेवन करना चाहिए |
  • दही के साथ  खीर , दूध , पनीर , खरबूजा , केला , उड़द  की दाल आदि का सेवन नहीं करना चाहिए ।
  • दही – बड़ा  जिसे बड़े शौक से खाया जाता है ।  दरअसल यह विरुद्ध आहार है, क्योंकि बड़ा, उड़द की दाल से ही बनाया जाता है जिसे दही के साथ नहीं  खाने की हिदायत दी जाती है |
  • रात के समय दही या छाछ का उपयोग नहीं करना चाहिए । दिन में खाने पर ये जितना  अधिक लाभदायक होते है रात को खाने पर उतना ही अधिक  नुकसानदेह हो सकता  है। रात में दही खाने से जोड़ों में दर्द  को बढ़ने की संभावना रहती है ।
  • खट्टी चीजें रात के समय खाने से अगले दिन जकड़न ही महसूस होती है। नॉन वेज खाने वालों को मांस के साथ दही नहीं लेना चाहिए ।
  • दही को कभी भी भोजन के साथ नहीं खाना चाहिए  क्योंकि भोजन में नमक होता है | इसलिए दही को भोजन के पहले खाना उत्तम माना जाता है |
  • दही एक प्राकृतिक प्रोबायोटिक है, जो आंत के हेल्‍दी बैक्‍टीरिया का ख्‍याल रखता है। इससे पाचन की समस्‍या दुरुस्‍त होती है।
    दही का दैनिक सेवन हमारे  शरीर में प्रोबायोटिक्स के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है, जो बदले में, आंत को शुद्ध करने में मदद  करता  है । प्रतिदिन 1 से 2 बार बिना चीनी या फल के सादा दही लेना चाहिए ।

हमारे देश में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले मीठा दही खाना शुभ माना जाता है | इसके पीछे यही वैज्ञानिक कारण हो सकता है |

इस तरह छोटी – छोटी आदतों को अपना कर हम अपना  और अपने परिवार के सेहत को ठीक रख सकते है    

(ऊपर दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं.| इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

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Categories: health

16 replies

  1. बहुत सुंदर

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  2. Great post. I love curd and yoghurt. And this is a very well written post full of info.

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  3. Episode 21 Swosth rahana jaruri hai Bahut Badhia. Dahi ka baare me Bahut Jaankari.

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