# हँसना-हँसाना ज़रूरी है #

तनाव और डिप्रेशन

ऐसे कई अध्ययन हैं जो हमें यह  बताते हैं कि आज – कल तनाव और डिप्रेशन की समस्याएं सर्वव्यापी होती जा रही हैं और यह तनाव हम में से अधिकांश लोग को प्रभावित कर रही हैं।

एसोचैम के एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि भारतीय निजी क्षेत्र के 42.5% कर्मचारी तनाव और डिप्रेशन से पीड़ित हैं। कभी कभी तो कब  डिप्रेशन में चले गए हमें पता ही नहीं चलता है |

आगे भी  तनाव की महामारी का बढ़ना तय है क्योंकि कोरोना महामारी के कारण हमारे जीवन शैली और कार्य प्रणाली तेजी से बदल रही है।

जी हां, महामारी के इस संकट में हमने अपनी जीवन शैली में बहुत तरह के बदलाव करने शुरू कर दिये है | शारीरिक रूप से फिट और मानसिक रूप से खुश रहने के लिए ये सभी बदलाव जरूरी हो सकते हैं। लेकिन पहले हमें यह समझने की जरूरत है कि हम बार-बार उदास क्यों होते हैं ? ऐसा क्या है जो हमारे भीतर होता है? इसे हम कैसे नियंत्रण में कर सकते है ?

मित्र,  यह प्रश्न आज प्रासंगिक है । सबसे पहले खुद से एक सवाल पूछें – क्या आज आप खुश है ? आपको दिल से मुसकुराए कितने दिन हो गए ?

आप आश्चर्य में पड़ गए ?  क्योंकि आपको ठीक – ठीक याद भी नहीं कि बिना मुस्कुराए कितने दिन बीत  गए |

हमारी यह कोशिश है कि हम सभी खुश रहें, क्योंकि समस्याएँ किसके पास नहीं है , फिर भी हँसना ज़रूरी है, खुश रहना ज़रूरी है |

हँसना ज़रूरी है

उन्मुक्त हँसी के बहुत सारे लाभ है | यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ के लिए बहुत ज़रूरी है | डॉ कटारिया एक चिकित्सक हैं, जिन्हें “:चेहरे की प्रतिक्रिया ” सिद्धांत पर आधारित  हंसी – योग (Laughing Yoga ) के लिए सभी को प्रेरित करते आ रहे है |

उन्होने हंसने के महत्व और इसके उपचार प्रभावों पर जोर दिया है। बहुत सारे लाफ्टर क्लबों को स्थापित करने के लिए प्रचार किया । ऐसे समूहों में व्यक्ति शामिल होकर अपने  शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए जानबूझकर हंसने वाले व्यायाम को करते हैं।

वर्तमान परिस्थितियों में इसका महत्व बहुत अधिक बढ़ गया है। क्योंकि आज पूरी दुनिया में कोरोना महामारी के कारण भय और दुख का माहौल है। हम सच में हंसना और मुस्कुराना भूल गए हैं।

बावजूद इसके, इस मुश्किल घड़ी में सभी के दिल में उम्मीद है कि आने वाला कल जरूर खुशियां लेकर आएगा ।

इसी उम्मीद को कायम रखने के लिए आज सबसे ज्यादा जरूरत है — फिर से हंसना और हँसाना | जिससे हमारे अंदर सकारात्मकता के साथ-साथ हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होगी।

यह सच है कि आज के तनावपूर्ण जीवन में हँसना हमारे लिए संजीवनी का काम करती है। हंसी को सबसे अच्छी दवा माना जाता है, फिर भी हम जीवन की भागदौड़ में हंसना भूल गए हैं। आखिर क्यों ?

अपने बॉस के सामने हँसना भी एक चुनौती है

चंद सेकेंड की मुस्कान के साथ ली गई तस्वीर आपके चेहरे को खूबसूरत बना देती है… जरा सोचिए कि अगर हम हमेशा खुश और मुस्कुराते रहें तो हमारा जीवन कितना खूबसूरत हो सकता है।

हँसना एक व्यायाम है , आइये इस हंसी के  व्यायाम का अभ्यास करें |

 इसे एक समूह में अभ्यास करने पर ज़बरदस्ती की  हंसी भी वास्तविक हँसी में बदल जाता है । हम आमतौर पर मॉर्निंग वॉक के दौरान अपने फ्रेंड सर्कल  में कभी कभी चुटकुला सुना कर भी हंसी का अभ्यास करते है | क्योंकि हँसना हँसाना आदत है मेरी |

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Categories: motivational

45 replies

  1. Beautiful blog sir ji!!
    I love the jokes in between 😛

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  2. औरतों की जुबान पर आपका व्यंग्य रचना अच्छी लगी। 😂

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  3. Precisamos de muita fé e força interior… estamos nos afastando rapidamente do que verdadeiramente importa.🍀✨

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  4. A good post! Liked the format.

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  5. Plentiful of laughter. Nice post.

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  6. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    You have been criticizing yourself for years and it has not worked,
    Try approving of yourself and see what happens. Stay always happy.

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