# दिल तो मेरा बच्चा है #

सचमुच दिल तो नादान होता है, बच्चा होता है | वह तो बस अपने सपनों का पीछा करता रहता है | उसे यकीन होता है कि एक न एक दिन वह उसे पा लेगा | उसे खुद पर भरोसा है |

लेकिन आज के सामाजिक और  पारिवारिक बोझ के तले दबा जा रहा है  मेरा वो दिल |  इसीलिए कभी – कभी  कुछ ऐसी – वैसी  हरकत करने लगता है इसीलिए मैं अपने दिल को  शब्दों के जाल में उलझाने की कोशिश करता रहता हूँ ..

दिल तो मेरा बच्चा है

वो चीज़ जिसे दिल कहते है,

हम भूल गए हैं रख के कही .

अगर वो  आस-पास नज़र आए

तो, उसे गलती से  दिल न देना

क्योंकि दिल मेरा  बड़ा ही चंचल है |

दिल ही तो है, कभी यह शरारत करें

तो गलती से. उसे सजा मत देना

क्योंकि दिल  तो मेरा बच्चा  है |

जो कभी  साथ  झूमने  गाने  को  कहे

तो तुम ब-खूबी उसका साथ देना

क्योंकि दिल  मेरा  दुख से घबराता है |

वो कभी सच्ची पर, कड़वी बात कहे

तो दिल पे मत लेना यार, विचार करना,

दिल तो मेरा  बच्चा है, पर बिल्कुल सच्चा है..

                               ………विजय वर्मा …

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Categories: kavita

17 replies

  1. Loved reading this. Beautiful message to all of us

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  2. अच्छी कविता।

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  3. दील तो बच्चा है, वाह क्या बात है।

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  4. Nice poem. Reflecting you. “बच्चों जैसे दिलवाले हमेशा खुश ही रहते हैं। “

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  5. A must needed message for all. Thanks for sharing, sir🙏🏼

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  6. What a beautiful compliment.
    Thank you so much dear.

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  7. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    Good evening friends

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