
दोस्तों,
आज मेरे ब्लॉगिंग का तीसरा वर्षगांठ है | क्योंकि आज के ही दिन मेरे दिमाग में यह आइडिया आया था कि मैं एक ब्लॉग की शुरुआत करूँ | मेरे दूसरे ब्लॉगर दोस्त को देख कर ही मैंने ऐसा सोचा था , लेकिन दूसरे ही पल मैं अपने आप पर खूब हँसा था | क्योंकि मैं समझता था कि मैं ब्लॉग नहीं लिख सकता हूँ |
मुझे लिखने का कोई अनुभव नहीं था | हाँ, मुझे चिट्ठी लिखने कीआदत थी , क्योंकि उस जमाने में communication का यही एक साधन था | टीवी और मोबाइल से तो बहुत बाद में परिचय हुआ था |
लेकिन अब धीरे धीरे यह एहसास हो रहा है कि मैं भी यह काम कर सकता हूँ | मैं बैंकिंग क्षेत्र के अलावा दूसरे क्षेत्र में भी ब्लॉग लिख कर सफल हो सकता हूँ | उन दिनों मुझे बैंकिंग सेवा से रिटायरमेंट के बाद और कोई विकल्प भी नज़र नहीं आ रहा था |
मैं अपने अन्य शौक के बारे में सोच रहा था | उन्हें फिर से पुनर्जीवित करने के बारे में विचार कर रहा था | उन्हीं दिनों कोरोना का आगमन हो गया था और फिर 21 दिनों का लॉक डाउन शुरू हो गया | घर से बाहर निकलना मेरा बिलकुल बंद हो चुका था |
ऐसे में इस नए शौक को अपनाने का फैसला किया ताकि stay at home के दौरान न सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखा जा सके बल्कि अपने आप को व्यस्त भी रखा जा सके |

लेकिन मैंने तो बहुत सारे शौक़ को एक साथ पुनर्जीवित कर दिया | जिसका परिणाम यह हुआ कि वो कहावत चरितार्थ हो गई – हरफन मौला, हरफन अधूरा (Jack of all trait master of none )
हालांकि यह बात भी सच है कि अभी तक मैं किसी भी क्षेत्र में महारत हासिल तो नहीं कर पाया , लेकिन बहुत सारे शौक को एक साथ ज़िंदा कर दिया हूँ और सभी विषयों का मज़ा ज़रूर ले रहा हूँ |
मैंने इस 21 दिन के लौक डाउन में मैंने अपने 21 शौक को ज़िंदा करने का चैलेंज (प्रण) अपने आप से लिया था | आइये उन शौक के बारे में चर्चा करें |
ब्लॉग लिखता हूँ
लॉक डाउन के समय सबसे पहला शौक जो मैंने शुरू किया था, वह था ब्लॉग लिखना | हालाँकि ब्लॉग लिखने में मुझे शुरू में थोड़ी झिझक और परेशानी ज़रूर हुई | लेकिन आप जैसे दोस्तों की मदद से मैंने इसकी शुरुआत कर दी |
मेरी ब्लॉग लिखने की शुरुआत अच्छी रही | अब तो यह मेरा जूनून बन गया है | अब तक मैं 1500 प्लस ब्लॉग लिख चूका हूँ | आप सब लोगों का भरपूर सहयोग और स्नेह प्राप्त हो रहा है | आपके सुंदर कमेंट्स पढ़ कर मुझे बहुत खुशी मिलती है | आगे भी ब्लॉग लिखने की मेरी कोशिश जारी है |

कविता लिखता हूँ
मेरा एक पुराना शौक था कविता लिखना | लेकिन बैंकिंग में आने के बाद यह शौक मर चुका था |
मैं कविता लिखने का शौक फिर से ज़िंदा करना चाहता था | हालाँकि कविता लिखना मेरे लिए आसान विषय नहीं था, लेकिन मेरे मित्र किशोरी रमण मुझे कविता लिखने में बहुत मदद कर रहे है | और मैं कविता लिखने की कला भी सीख रहा हूँ | मैं अपनी लिखी हुई कविता को ब्लॉग के माध्यम से पोस्ट भी कर रहा हूँ |
मेरी कविताओं में कुछ त्रुटियाँ तो होती है लेकिन शायद कविता के भाव से कोई छेड़ छाड़ नहीं होने देता हूँ |
लॉक डाउन के समय हम सभी को धैर्य बनाए रखने की ज़रुरत थी और अपने को uplift रखना भी ज़रूरी था | मैं कविता के माध्यम से अपने फीलिंग को व्यक्त करने का बहुत अच्छा मंच मानता हूँ | आज कल मैं अपनी भावनाओं को कविता के माध्यम से प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहा हूँ |
मेरी कविता को पढ़ कर शायद इससे चिंता ओर घबडाहट भरे माहौल में आपके चेहरे पर कुछ मुस्कान बिखर जाए | अगर ऐसा होता है तो मैं समझूंगा कि मैं इस आपदा की घड़ी को हँसते – हँसते झेलने में आप सभी को कुछ मदद कर पाया हूँ |

ड्राइंग भी करता हूँ
लोग कहते है कि तस्वीरें बोलती है | वैसे तो बचपन में सब लोग ड्राइंग बनाना सीखते है | मैं भी बचपन में ड्राइंग (drawing) किया करता था | इसलिए इसमें रुची तो पहले से ही थी | लॉक डाउन के समय एक नए शौक के रूप में फिर ड्राइंग की शुरुआत हुई |
मैं graphite पेंसिल और चारकोल के द्वारा विभिन्न तरह के स्केच और ड्राइंग बना रहा हूँ | पहले तो मैं एक ड्राइंग टीचर से सीखता था लेकिन लॉक डाउन में यह पढ़ाई बंद करना पड़ा | आज दो साल पुरे हो गए ड्राइंग की प्रैक्टिस करते हुए | लेकिन अभी भी इसमे बेहतर नहीं हूँ |
मैं अपने ड्राइंग को ब्लॉग के माध्यम से पोस्ट भी करता हूँ | आप सब लोगों की तारीफें पाकर मुझे बेहद खुशी मिलती है | मेरा हौसला बढ़ता है | मेरी कोशिश आगे भी जारी है |

योग साधना और मेडीटेशन
पहले मुझे काफी लेट से सो कर उठने की आदत थी | लेकिन लॉक डाउन के समय से अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने लगा हूँ | मैंने मॉर्निंग वॉक को डेली रूटीन में शामिल किया है और उसे रोज follow करता हूँ ।
मोर्निंग वाक के साथ साथ योग साधना भी रोज़ करता हूँ | इससे यह फायदा हुआ है कि मेरे छोटे मोटे रोग ठीक हो रहे है और मैं दिनों – दिन बेहतर महसूस कर रहा हूँ | यह शौक अब मेरी आदत बन गई है | मैं आप सब लोगों को भी अपने ब्लॉग के माध्यम से इसके लिए प्रेरित करता हूँ |
मैंने जिम जॉइन किया है
मेरे सोसाइटी में एक जिम (GYM) भी है | इसलिए मैंने अपने सोसाइटी के जिम को ज्वाइन कर लिया है | मैं वहाँ रोज़ शाम में ज़रूरी exercise करता हूँ | वहाँ एक ट्रेनर भी है, जिसकी मदद से कुछ ज़रूरी एक्सर्साइज़ सीख रहा हूँ और अपने को फिट रखने की कोशिश करता हूँ |
खुद को फिट रखते हुए अपने ब्लॉग के माध्यम से सभी दोस्तों को भी फिट रहने के लिए उचित सलाह दिया करता हूँ | दोस्तों, मैंने यहाँ पाँच शौक के बारे में चर्चा की है | दूसरे शौक के बारे में अगले ब्लॉग में फिर चर्चा करने की कोशिश करूंगा |

मुझे आशा है कि मेरे ब्लॉग से आप सभी लोग भी प्रेरित होते होंगे | आप अपनी प्रतिक्रिया ज़रूर शेयर करें, मुझे खुशी होगी |
लम्हा गुमसुम क्यों है ? ब्लॉग हेतु नीचे link पर click करे..
BE HAPPY….BE ACTIVE….BE FOCUSED….BE ALIVE…
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Categories: मेरे संस्मरण
Congratulations on your many accomplishments in retirement.
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Yes dear, I am retired now,
I cannot do any thing other than Blogging … Ha Ha Ha …
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Parabéns por suas iniciativas, amigo 👏👏👏👏 Tenho certeza de que é bom em tudo🙂✨🌻
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Obrigado pelo elogio querida.🙂
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Você merece 🤩
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Sim, você me apoia o tempo todo.
Muito obrigado querido.🤩
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É de coração 🌻✨
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Eu sei, seu coração é tão grande. 🌻✨
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Gratidão 🙏✨
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olá querida, tudo bem? 🙏✨
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Olá! Tudo bem e você? 🌻✨
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Também estou bem,
querido. como está seu desempenho hoje?🌻✨
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Estamos na estrada…mas tentarei postar bastante 🤭🌻
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Isso é bom.
Continue escrevendo. 🤭🌻
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Obrigada, continuarei!🧚♀️✨🙏
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Olá querido,
Acabei de acordar de manhã.🙏
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Aapka positive thoughts kuchh Karna.
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yes dear,
we should have positive thought and to be happy.
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बहुत अच्छे, साहेब
“जीना उसी का नाम है”
लगें रहो…….
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जी, बहुत बहुत धन्यवाद |
ज़िंदगी को अच्छी तरह जीना हमारी कोशिश होनी चाहिए |
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अपने शौक के माध्यम से हम अपनी ज़िंदगी को एन्जॉय कर सकते हैं।
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बिलकुल सही कहा |
हम अपने शौक के माध्यम से अपनी ज़िंदगी को खूबसूरत बना सकते है |
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Reblogged this on Retiredकलम and commented:
न चादर बड़ी कीजिये, न ख्वाहिशें दफन कीजिये
चार दिन की ज़िन्दगी है, चैन से बसर कीजिये
न परेशान किसी को कीजिये, न हैरान किसी को कीजिये
कोई लाख गलत बोले तो मुस्कुरा कर छोड़ दीजिये
न रूठा किसी से कीजिये न झूठा वादा कभी कीजिये
कुछ फुरसत के पल निकालिये, कभी खुद से भी मिला कीजिये..
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बहुत अच्छा लिखा है जी
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बहुत बहुत धन्यवाद डियर /
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जी बहुत बढ़िया
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हौसलाफजाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद डियर |
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