We do not always have to agree with one another,
but it is important that we learn to respect each other…

उस दर्जी दोस्त के मन में अब भी बहुत सारे प्रश्न उभर रहे थे | क्या स्वयं की जान ले लेना इतना आसान है ?
आखिर राजेश अपने आप को मारने के लिए कैसे तैयार किया होगा ? एक भिखारी भी इतनी तकलीफ सह कर भी जीना चाहता है, वह जान देने की नहीं सोचता |
वह इन्ही बातों को सोचता हुआ अपने घर की ओर जा रहा था तभी उसका एक दोस्त जो सब्जी बेचता था वह रास्ते में मिल गया |
उसने उससे राजेश वाली बात बताई और फिर उसी के द्वारा दो और दोस्त को बुला भेजा |
एक दोस्त जो ठेला लगा कर पेट पालता था | एक सब्जी वाला और एक गोलगप्पे वाला था |
वे तीनो भी कोरोना के सताए हुए थे और उन्हें भी खाने के लाले पड़ गए थे | पैसे मिलने की शर्त पर वे लोग काम करने को तैयार हो…
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