# मेरी यादें #

यादें बहुत तरह की होती है, कुछ अच्छी होती है जो दिल को सुकून देती है और कुछ यादें रातों की नींद  छीन लेती है  |

परन्तु यह सच है कि इंसान बिना यादों के रह  भी नहीं सकता | वो यादें हमेशा  हमारा पीछा  करती रहती है |

मेरी भी कुछ यादें है , देखिये कि वो क्या कहती है … ..

मेरी यादें,

कुछ यादें अंधेरे में भी चमकते है , 

रोशनी भी देते है कभी कभी

कुछ तो रास्ता भी दिखाती है 

कुछ के बारे मे क्या कहूँ.

कड़ी धूप में भी छाँव का आभास देती है

कभी कभी एकांत में उदासी से भर जाती है.

और मन को व्याकुल कर देती है

कभी नींद  से जगा देती है और  

कभी सोने ही कहाँ देती है 

सच,..ये यादें भी अजीब होती है |

जब यह सर पे चढ़ कर बोलती है

तो  बस.. बोलती बंद कर देती है,

पर यही यादें अगर अपने साथ ना हो

तो ज़िन्दगी बड़ी अधूरी  सी लगती है.

यादें ही है..जो जीवन रूपी गाड़ी को 

अच्छी तरह से खिंच रही है,

हाँ,, मेरी यादें ऐसी ही है।

मेरी अपनी यादें…

      (विजय वर्मा )

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Categories: kavita

17 replies

  1. अच्छी कविता

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  2. Very good composition. Keep it up

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  3. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    सूर्यदेव की कृपा से आने वाला साल आपके लिए ढेर सारी
    खुशियाँ और प्यार लेकर आये //
    आपका दिन शुभ एवं मंगलमय ही /

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  4. अद्भुत अप्रतिम

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