# चुपके – चुपके #

प्यार एक एहसास है । जो दिमाग से नहीं दिल से होता है |

प्यार में  अनेक भावनाओं और विचारो का समावेश होता है !, प्रेम हमें  स्नेह से लेकर खुशी की ओर

धीरे – धीरे अग्रसर करता है । ये एक मज़बूत आकर्षण  है,  यह निजी जुड़ाव की भावना है ,

जो सब भूलकर उसके साथ जाने को प्रेरित करती है । कभी – कभी तो यह चुपके – चुपके चली आती है और …

चुपके – चुपके

आज फिर चुपके से कमरे में तेरा आना ,

और  फिर हौले से  मेरे कान में  फुसफुसाना …

प्यार भरी निगाहों से मुझे देर तक घुरना

फिर मेरे पहलु  में यूँ ही  बेवजह मे बैठ जाना, 

इतने पास कि तुम्हारे दिल की धड़कन

मेरे  कानों में सुनाई दे रही है..

बस यूं ही बैठी  रहो प्रिय कुछ देर तक ,

और कुछ गुनगुनाओ भी ,

जैसे तुम पहले गुनगुनाया  करती थीं,

पर, अपनी हाथों से मेरे  सिर को ना सहलाना,

और मेरे कानों को प्यार से फिर ना खीचना

नही जगना है मुझे अपनी नींद से

गर यह  ख्वाब है तो ख्वाब ही सही,

आज बस खो जाने दो मुझको

फिर थोडा जी लेने दो मुझको..

तुम यूँ ही अचानक आया करो .. 

और  मुझे  नींद में सताया  करो. |.

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Categories: kavita

11 replies

  1. वाह बहुत खूब 👌

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  2. Nice poem adorned with beautiful sketches.

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  3. वाह वाह वाह , सिर अंत ने तो मेरे रोमांच का ही अंत कर दिया , ये तो ख्वाब था🤗🤗
    बेहतरीन रचना ,और उससे बेहतरीन कल्पना

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  4. बहुत सुन्दर👌

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  5. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    उम्मीद कभी हमें छोड़ कर नहीं जाती,
    ज़ल्दबाज़ी में हम लोग ही उसे छोड़ देते हैं..

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