ज़िन्दगी में एक दुसरे के जैसा होना ज़रूरी नहीं होता ,
बल्कि .. एक दुसरे के लिए होना ज़रूरी होता है |

आज रविवार होने के कारण, मैं बहुत relax महसूस कर रहा था | और जब से मनका छोरी दिन का खाना खिला कर गई थी तब से ही सो रहा था |
अभी शाम के पांच बजे रहे थे और मेरी नींद खुल गई | अब तो रात के दारु का हैंगओवर भी दूर हो गया था |
मन बिलकुल तरो – ताजा और खुश लग रहा था |
अचानक मेरी नज़र दीवार पर टंगी हुई पतंग पर गई और मेरा बचपना जाग गया | मैं पतंग लेकर छत पर चला आया |
छत पर सभी बच्चे लोग खेल रहे थे | मैं भी बच्चो के साथ पतंग उड़ाने की कोशिश करने लगा |
तभी गुड्डी पतग उड़ाने की जिद करने लगी | मैंने हवा में कलाबाज़ी खाते पतंग की डोर छोटी बच्ची को दे दिया, |
उसे आकाश में उड़ती पतंग की डोर खिंच कर उडाने में खूब…
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